जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस चीफ फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah ) ने राज्यपाल की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सरकार बनाना नहीं चाहती थी, लेकिन जो जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal malik) कर रहे हैं उससे राज्य को बचाना था. विरोधी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने के सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम सरकार नहीं बनाना चाहते थे, बल्कि उससे बचाना चाहते थे, आज जो राज्यपाल कर रहे हैं. हम 35A की रक्षा करना चाहते थे. ये सरकार ज्यादा लंबी नहीं चलनी थी और एक दिन गिरनी ही थी और चुनाव होना ही था.
बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और अपनी विरोधी पार्टी पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली थी, लेकिन ऐसा हो पाता इससे पहले राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दिया.
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बारामूला में अब्दुल्ला ने कहा, 'आखिर में जनता को निर्णय लेना है कि क्या होना है. हम कभी भी सत्ता के भूखे नहीं थे. पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के रास्ते अलग हैं लेकिन हम साथ आए। क्यों? आज आप जम्मू-कश्मीर बैंक की हालत देख रहे हैं. अगर हमारी सरकार होती तो आज ऐसा न होता.'
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इन दिनों उठल-पुथल मचा हुआ है. राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा विधानसभा भंग किए जाने के बाद से लगातार बयानबाजी हो रहे हैं. यहां तक की सत्यपाल मलिक का कहना है कि नई दिल्ली (केंद्र सरकार) पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन को जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती थी. मलिक ने 24 नवंबर को ग्वालियर में सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि अगर वह जम्मू एवं कश्मीर के राजनीतिक संकट के लिए दिल्ली के दिशा-निर्देशों की ओर देखते तो उन्हें बीजेपी समर्थित सज्जाद लोन को मुख्यमंत्री बनाना पड़ता.
Source : News Nation Bureau