राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने काबुल के गुरुद्वारे में अरदास करते श्रद्धालुओं पर 18 जून को अफगान आतंकवादियों के हमले और आगजनी को लेकर चिंता जताई है. भारत में रहने वाली सिख आबादी और अफगानिस्तान छोड़ने वाले लोग अफगानिस्तान में ऐतिहासिक और धार्मिक गुरुद्वारों की संपत्ति की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं, आशंका जताई गई है कि सिख धार्मिक स्थलों पर हमले में शामिल सिख विरोधी तत्व इन गुरुद्वारों को हड़पने के प्रयास में लगे हुए हैं. इसे लेकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने विदेश मंत्री से अफगानिस्तान में सिखों की ऐतिहासिक और धार्मिक संपत्तियों की सुरक्षा का मामला अफगानिस्तान सरकार के साथ उठाने का अनुरोध किया है.
इसके साथ ही अफगानिस्तान में सिखों के धार्मिक स्थलों की एक सूची भी सौपी गई है, जिनमें गुरुद्वारा काबुल, गुरुद्वारा भाई नंद लाल (गज़नी), गुरुद्वारा कोठा साहिब (गज़नी), गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर (जलालाबाद), गुरुद्वारा खालसा दीवान चश्मा साहिब (जलालाबाद) , गुरुद्वारा गुरु नानक देव जी (जलालाबाद), गुरुद्वारा सिंह सभा (काबुल), गुरुद्वारा काबुल (अक्सरा), गुरुद्वारा शोर बाजार (काबुल), गुरुद्वारा खालसा शोर बाजार (काबुल), गुरुद्वारा बाबा श्रीचंद (काबुल), गुरुद्वारा बाबा नानक जाडे मेवान (काबुल), गुरुद्वारा हर राय (काबुल) ,गुरुद्वारा कोठ साहिब (काबुल) और गुरुद्वारा करता परवन (काबुल) की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुद्वारा में अरदास करते श्रद्धालुओं पर 18 जून की सुबह आतंकियों ने हमला कर दिया था. आतंकियों ने यहां कई ब्लास्ट भी किए थे. आतंकी हमले में गुरुद्वारे के सुरक्षा गार्ड की मौत हो गई. सुरक्षा बलों ने तीन लोगों को रेस्क्यू किया था, जिनमें से दो घायलों को अस्पताल भेजा गया था.
Source : Rumman Ullah Khan