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प्रधानमंत्री के लिए राष्ट्र प्रथम, खानदानी पार्टियों के लिए परिवार : राजीव रंजन

प्रधानमंत्री के लिए राष्ट्र प्रथम, खानदानी पार्टियों के लिए परिवार : राजीव रंजन

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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बिहार में परिवारवाद पार्टियों को लेकर सियासत गर्म है। इस बीच, बिहार भाजपा ने शनिवार को परिवारवाद को लेकर एकबार फिर कांग्रेस और राजद पर निशाना साधा है।

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए राष्ट्र प्रथम है जबकि खानदानी पार्टियों के लिए परिवार ही सबसे आगे है।

भाजपा मीडिया विभाग के प्रभारी राजीव रंजन ने कहा कि राष्ट्रवादी राजनीति जहां सबका साथ-सबका विकास पर केंद्रित होती है, वहीं खानदानी दलों के लिए एक खास परिवार की परिक्रमा से बढ़कर कुछ नहीं होता।

भाजपा नेता ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विगत 7 वर्षों की उपलब्धियों की तुलना कांग्रेस के दशकों के शासनकाल से करें तो तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाती है। उन्होंने कहा कि 7-8 साल पहले भारत की जीडीपी जहां 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए की थी वहीं आज भारत की अर्थव्यवस्था 2 लाख 30 हजार करोड़ के आसपास पहुंच चुकी है।

वर्ष 2013-14 में भारत का एक्सपोर्ट 2 लाख 85 हजार करोड़ रुपए होता था, वहीं आज भारत का एक्सपोर्ट 4 लाख 70 हजार करोड़ रुपए के आसपास पहुंच रहा है।

रंजन ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले देश का स्वच्छता कवरेज 40 प्रतिशत से भी कम था, लेकिन आज यह 99 फीसदी से अधिक हो चुका है।

इसी तरह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही देश के शत-प्रतिशत गांवों तक बिजली पहुंच गयी। आज 5 करोड़ से अधिक घरों में नल से जल पहुंच रहा है।

उन्होंने कहा कि यह आंकड़े दिखाते हैं कि राष्ट्रवादी सरकार में किस तरह विकास का प्रसार होता है।

उन्होंने कहा कि परिवारवाद के इसी कुप्रभाव को देखते हुए बाबा साहब, राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण जैसे लोगों ने अपने परिजनों को राजनीति से दूर रखा लेकिन, आज उनके नाम पर राजनीति रोटियां सेंकने वाले नेताओं ने उनके विचारों को तिलांजली देते हुए परिवार के विकास को ही अपना लक्ष्य बना लिया है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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