Delhi बॉर्डर पर लगी ट्रैक्टरों की लाइन तो कृषि मंत्री ने किसानों से की यह अपील
नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन को लगभग सात महीने हो चुके हैं, बावजूद इसके किसन नेताओं और केंद्र सरकार के बीच खींचतान कम होने का नाम नहीं ले रही है
highlights
- नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन को लगभग हो चुके सात महीने
- कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमते ही किसान आंदोलन फिर पकड़ रहा जोर
- केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से आंदोलन वापस लेने की अपील की है
नई दिल्ली:
नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन ( Farmer Protests ) को लगभग सात महीने हो चुके हैं, बावजूद इसके किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच खींचतान कम होने का नाम नहीं ले रही है. कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमते ही किसान आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ता नजर आ रहा है. मांग न माने जाने की स्थिति में किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच की चेतावनी दी है. जिसको लेकर दिल्ली-यूपी के बॉर्डर ( Delhi-UP Border ) पर ट्रैक्टरों ट्रॉलियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने किसानों से आंदोलन वापस लेने की अपील की है. कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि मैं सभी किसान संघों से अपना आंदोलन समाप्त करने का आग्रह करता हूं. सरकार ने उनके साथ 11 दौर की बातचीत की थी. कृषि विधेयक किसानों के जीवन में सुधार लाएगा. भारत सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP बढ़ाने और MSP पर अधिक खरीद की दिशा में काम किया है.
I urge all farmer unions to conclude their agitation. Govt had held 11 rounds of talks with them. Farm Bills will bring betterment to the lives of farmers. Govt of India has worked towards increasing MSP & towards more purchase at MSP: Agriculture Minister Narendra Singh Tomar pic.twitter.com/GbkZBCBbFZ
— ANI (@ANI) June 25, 2021
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गाजीपुर बॉर्डर पर सहारनपुर और मुजफ्फरनगर से सैकड़ों की संख्या में किसान पहुंचे हैं. बीते कुछ महीनों की तुलना में आज बॉर्डर पर किसानों की संख्या में ज्यादा है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के नेत्रत्व में ये सभी ट्रैक्टर लाए गए हैं, उन्होंने इस दौरान कहा कि, "अगर सरकार बात नहीं मानती तो हम आगामी चुनाव का खुलकर विरोध करेंगे." हालांकि उन्होंने, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को लेकर भी कहा कि, "उन्हें यदि अधिकार दिया जाए तो मामला जल्दी सुलझ जाएगा लेकिन गृह मंत्री और प्रधानमंत्री ने उन्हें अधिकार ही नहीं दिए हैं." नरेश टिकैत ने कहा कि, "हम बातचीत करना चाहते हैं, सरकार यदि जिद छोड़े तो मसले का हल जल्द निकल जाएगा. युवा पीढ़ी का भविष्य सरकार ने खराब कर दिया है, किसान को खत्म कर दिया है. यदि सरकार नहीं मानती तो हम आगामी चुनाव का पूरा विरोध करेंगे."
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क्या अन्य लोगों से भी विरोध करने को कहेंगे ? इस सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा कि, "हम अपनी बात कर रहे हैं, हम अपना कह सकते हैं कि हम विरोध करेंगे।"दरअसल पिछले सात माह से गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में कृषि कानून के विरोध में धरना चल रहा है. वहीं गुरुवार को मुजफ्फरनगर व सहारनपुर के किसानों द्वारा गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचकर सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराने के लिए ट्रैक्टर रैली निकाली गई. फिलहाल आगे आने वाले समय में शामली, बागपत, हापुड़, गाजियाबाद आदि जिलों से ट्रैक्टर रैलियां निकालकर किसान गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचेंगे.
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