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नरेंद्र सिंह तोमर बोले- कृषि कानून वापस नहीं हो सकता, सिर्फ संशोधन मंजूर

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 10वें दिन भी जारी है. किसान संगठनों और सरकार के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत चल रही है. बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल के साथ अन्‍य प्रतिनिधि मौजूद हैं.

Updated on: 05 Dec 2020, 06:02 PM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 10वें दिन भी जारी है. किसान संगठनों और सरकार के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत चल रही है. बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल के साथ अन्‍य प्रतिनिधि मौजूद हैं. इस दौरान किसानों को संबोधित करते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार की तरफ से साफ किया गया है कि तीनों कानूनों को पूरी तरह वापस नहीं लिया जा सकता. हालांकि सरकार किसानों के सुझावों पर विचार करने, बातचीत करने और संशोधन करने को तैयार है. नरेंद्र सिंह तोमर ने सभी किसानों से अनुरोध किया कि मैं आप सभी से अपील करता हूं कि कृपया विरोध प्रदर्शन स्थल से वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों को घर जाने के लिए कहें.

सूत्रों के मुताबिक, कृषि मंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि सरकार संशोधन के लिए राजी है. इसपर किसान नेताओं ने कहा कि वो किसी भी संशोधन को स्‍वीकार करने को तैयार नहीं हैं. किसानों ने साफ किया, तीनों कानून वापस हों. उसके बाद सभी किसान नेता खड़े हो गए थे, वॉक आउट की स्थिति बन गई थी लेकिन उन्हें मनाया गया और बिठाया गया. दोनों मंत्री मीटिंग रूम से बाहर चले गए हैं, किसान नेताओं को समय दिया गया है कि सरकार का प्रस्ताव आपको बता दिया गया है. आप इस पर आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं या नहीं इस पर चर्चा कर लें. फिलहाल ब्रेक चल रहा है जिसमें किसान चर्चा कर रहे हैं कि सरकार के प्रस्ताव पर क्या किया जाए.

किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के साथ पांचवें दौरे की बातचीत के लिए विज्ञान भवन आए थे. वहां पर मौजूद किसान नेताओं ने भोजन किया. जिसे वे कार्यक्रम स्थल तक ले गए थे. एक कार सेवा वाहन जो उनके लिए भोजन लाया था, आज यहां पहले ही पहुंच गया था. 3 और 4 दिसंबर को वार्ता के दौरान भी उन्हें अपना भोजन मिल गया था. विज्ञान भवन में मीटिंग के दौरान किसानों ने लंगर से खाना मंगवाया और नीचे फर्श पर बैठकर खाया. किसानों ने कल भी सरकार का खाना लेने से मना कर दिया था. खुद मंगाकर खाना खाया.