बंगाल की चुनावी लड़ाई 2024 के लिए निर्णायक साबित होगी, जानिए कैसे?

पश्चिम बंगाल (bengal assembly election) के चुनावी नतीजे एक तरह से 2024 लोकसभा चुनाव की झलक दिखाएंगे. सभी की नजरें 2 मई को पश्चिम बंगाल का चुनावी नतीजे पर लगी हैं. यहां ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोनों की साख दांव पर है.

पश्चिम बंगाल (bengal assembly election) के चुनावी नतीजे एक तरह से 2024 लोकसभा चुनाव की झलक दिखाएंगे. सभी की नजरें 2 मई को पश्चिम बंगाल का चुनावी नतीजे पर लगी हैं. यहां ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोनों की साख दांव पर है.

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Kuldeep Singh
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बंगाल की चुनावी लड़ाई 2024 के लिए निर्णायक साबित होगी, जानिए कैसे?( Photo Credit : न्यूज नेशन)

वैसे तो देश के पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं. इनमें असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी शामिल है लेकिन सबसे अधिक नजर बंगाल पर ही है. यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है. यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि ममता बनर्जी का साथ देने के लिए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी पहुंच गए हैं. हालांकि यहां यह देखना भी दिलचस्प है कि आरजेडी ने बिहार में कांग्रेस और लेफ्ट के साथ चुनाव लड़ा था लेकिन बंगाल में वह उनके खिलाफ हैं. 

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बंगाल में बीजेपी 200 से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रही है. ऐसा इसलिए भी है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया था. बीजेपी यहां 18 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. खास बात यह है कि उस दौरान उसका वोट शेयर भी काफी बढ़ा. चुनाव में बीजेपी को 40 फीसद वोट मिले वहीं टीएमसी को 43 फीसद वोट मिले. जिस तरह बीजेपी ने बंगाल में अपनी पैंठ मजबूत की है उससे सभी हैरान हैं. यहां टीएमसी को अपना किला बचाना काफी चुनौती भरा रहने वाला है. 

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अगर कांग्रेस की बात करें तो राहुल गांधी भले ही पार्टी अध्यक्ष नहीं हैं लेकिन उनका परिवार ही पार्टी को कंट्रोल करता है. बिना जवाबदेही की उनकी 'ताकतवर' पोजीशन ने पार्टी के 23 सीनियर नेताओं को असंतुष्ट कर दिया. और फिर इन नेताओं ने चुनाव से ठीक पहले विरोधी सुर अपना लिए. वहीं ममता बनर्जी अपनी पार्टी की निर्विवादित चेहरा हैं. न सिर्फ बंगाल में बल्कि पूरे देश में. सिर्फ उनका नेतृत्व ही नहीं बल्कि उनके चुने हुए उत्तराधिकारी पर भी कोई सवाल नहीं है. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि ममता बनर्जी लगातार दो चुनाव से अपनी पार्टी को चुनाव जीताकर सत्ता में ला रही हैं. वहीं राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस हारी है. एक तरफ राहुल गांधी हैं जिन्हें अब भी अपनी 'गंभीर' साबित करनी है तो वहीं ममता बनर्जी की पहचान एक कद्दावर नेता के तौर पर है. और शायद यही वजह है कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा की अगुवाई में बीजेपी पश्चिम बंगाल में सबसे मजबूत चुनावी लड़ाई लड़ रही है.

Source : News Nation Bureau

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