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नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद से दिया इस्तीफा, राष्ट्रपति ने किया स्वीकार

राष्ट्रपति ने इस्तीफा स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री के साथ मंत्रिपरिषद सदस्यों नई सरकार के गठन तक कार्यभार संभालने के लिए कहा है.

Updated on: 24 May 2019, 08:09 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद आज यानी शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपा है. पीएम मोदी के साथ-साथ सभी मंत्रिपरिषद सदस्यों ने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया है. राष्ट्रपति ने इस्तीफा स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री के साथ-साथ मंत्रिपरिषद सदस्यों को  नई सरकार के गठन तक कार्यभार संभालने के लिए कहा है. 

अब क्या होगा आगे?

प्रधानमंत्री मोदी के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति 16वीं लोकसभा भंग करेंगे. इसके बाद वे बीजेपी को नई सरकार बनाने का न्योता देंगे क्योंकि बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी 30 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं.

इससे पहले शुक्रवार को ही दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों की बैठक हुई थी जिसमें 16वीं लोकसभा भंग करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली. प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद ही पीएम मोदी ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपा. 

कांग्रेस में भी जारी इस्तीफे का दौर

वहीं लोकसभा चुनावों में करारी हार मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी में भी इस्तीफे देने का दौर शुरू हो गया है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भेज दिया है. इधर अमेठी में भी राहुल गांधी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए जिला अध्यक्ष योगेश मिश्रा ने भी अपना इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेज दिया है. इसके अलावा ओडिशा में भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन करने के बाद प्रदेश अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने भी अपना इस्तीफा भेज दिया है

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है. मोदी-शाह की जोड़ी ने कमाल करते हुए बीजेपी को अकेले 300 के बार पहुंचा दिया. मोदी के इस लहर में ना तो कांग्रेस के राहुल गांधी का चौकीदार चोर का नारा असर डाल पाया और ना ही उनकी रणनीति कोई कमाल दिखा पाई. कांग्रेस 18 राज्यों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई. हालांकि राहुल गांधी ने इस हार की जिम्मेदारी लेते हुए समीक्षा करने की बात कही.