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'राजधर्म पर नरेंद्र मोदी ने वाजपेयी की नहीं सुनी, हमारी क्या सुनेंगे'( Photo Credit : Twitter)
दिल्ली हिंसा के बहाने राजधर्म एक बार फिर चर्चाओं में है. सबसे पहले सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने नरेंद्र मोदी की सरकार को दिल्ली हिंसा के बहाने राजधर्म की नसीहत दी थी. उसके बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने राजधर्म के बहाने मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया तो सरकार की ओर से केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था- कांग्रेस राजधर्म के बहाने लोगों को भड़काने का काम न करे. अब पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) ने मोदी सरकार पर पलटवार किया है.
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शनिवार को कपिल सिब्बल ने ट्वीट करते हुए कहा- 'कानून मंत्री कांग्रेस से कहते हैं कि हमें राजधर्म न सिखाएं. हम कैसे आपको सिखा सकते हैं मंत्री महोदय. जब आपने गुजरात में वाजपेयी जी की नसीहत नहीं सुनी, आप हमें क्यों सुनेंगे. सुनना, सीखना और राजधर्म का पालन करना आपके मजबूत बिंदुओं में से एक नहीं है.'
Law Minister to Congress :
“ Please don’t preach us Rajdharma “
How can we Mr. Minister ?
When you did not listen to Vajpayeeji in Gujarat why would you listen to us !
Listening , learning and obeying Rajdharma not one of your Government’s strong points !
— Kapil Sibal (@KapilSibal) February 29, 2020
दरअसल 2002 के गुजरात दंगों के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने तब के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को राजधर्म का पालन करने की नसीहत दी थी. उस समय गुजरात दंगों में सैकड़ों लोग मारे गए थे.
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दिल्ली हिंसा को लेकर सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला था और सरकार से राजधर्म निभाने की नसीहत ददी थी. इस पर आक्रमक हुई बीजेपी और सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी राजधर्म के नाम पर लोगों को न भड़काए.
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रविशंकर प्रसाद ने कहा, कांग्रेस नेता राष्ट्रपति के पास गए और राजधर्म की बात की. रामलीला मैदान में आपने उकसाने वाली भाषा का प्रयोग किया. आपकी ही सरकार ने 2010 में NPR का नोटिफिकेशन जारी किया, अगर आप करें तो ठीक लेकिन हम करें तो आप लोगों को भड़काना शुरू कर देते हैं.
Source : News Nation Bureau