मोदी-जिनपिंग मुलाकात: पीएम दो दिवसीय यात्रा पर चीन के लिये रवाना, दोनों पक्षों को उम्मीद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चीन की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने और आपसी विश्वास को बढ़ाने के लिये इस अनौपचारिक यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चीन की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने और आपसी विश्वास को बढ़ाने के लिये इस अनौपचारिक यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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pradeep tripathi
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मोदी-जिनपिंग मुलाकात: पीएम दो दिवसीय यात्रा पर चीन के लिये रवाना, दोनों पक्षों को उम्मीद

पीएम दो दिवसीय यात्रा पर चीन के लिये रवाना (ANI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चीन की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने और आपसी विश्वास को बढ़ाने के लिये इस अनौपचारिक यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सभी प्रोटोकॉल को दरकिनार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करेंगे। दोनों ही देश डोकलाम गतिरोध के बाद संबंधों को नई शुरुआत (रिसेट) देना चाह रहे हैं।

चीन भी भारत पीएम मोदी की यात्रा को लेकर किस तरह से आशान्वित हैऔर महत्व दे रहा है इसका अदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के किसी देश के प्रमुख के साथ बीजिंग से बाहर वुहान में द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 27-28 अप्रैल को होने वाली मीटिंग को अहम माना जा रहा है। ये एक अनौपचारिक बैठक है और इसकी तुलना 1988 के राजीव गांधी के चीन दौरे से की जा रही है।

चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावाले ने कहा, 'ये भारत और चीन के राष्ट्र प्रमुखों के बीच राणनीतिक वार्ता होगी। जिसका उद्देश्य दोनों एक दूसरे को समझना और दोनों के बीच विश्वास को बढ़ाने को कदम है।'

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उन्होंने बताया कि इस बैठक में चर्चा के बाद किसी तरह का समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया जाएगा।

बंबावाले ने कहा कि इस बैठक का कोई एजेंडा नहीं है। ये दोस्ताना बातचीत होगी और वो दोनों हो सकता है पार्क में टहलते हुए बात करें या फिर बोट पर बैठकर बात करें।

दोनों देशों के बीच 1954 में अनौपचारिक चर्चा हुई थी।

रविवार को संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, 'हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अनौपचारिक शिखर सम्मेलन (27-28 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच) चीन-भारत संबंधों में सफलता लाएगा और एक मील का पत्थर साबित होगा।'

दोनों की मुलाकात का कोई एजेंडा नहीं तय किया गया है। लेकिन माना जा रहा है कि सीमा पर शांति, डोकलाम, ओबीओआर, भारत की एनएसजी में सदस्यता, आपसी विश्वास को बढ़ाने, व्यापार और उद्योग के साथ ही रणनीतिक साझेदारी को लेकर चर्चा की जाएगी।

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Source : News Nation Bureau

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