नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में अदालत का बड़ा फैसला, दो दोषी करार, तीन आरोपियों को किया बरी

Maharashtra: नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, दो दोषी करार, दी उम्र कैद की सजा

Maharashtra: नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, दो दोषी करार, दी उम्र कैद की सजा

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Dheeraj Sharma
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Narendra Dabholkar Murder Case Two Accused Found Guilty

Narendra Dabholkar Murder Case Two Accused Found Guilty( Photo Credit : File)

Maharashtra: महाराष्ट्र से बड़ी खबर सामने आ रही है. पुणे की अदालत ने नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड मामले में बड़ा फैसला लेते हुए दो को दोषी करार दिया है. जबकि तीन आरोपियों को बरी किया गया है. विशेश कोर्ट ने अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले कार्यकर्ता डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या केस में 11 साल बाद बड़ा फैसला सुनाया है. इस हत्या  दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. जबकि  मास्टरमाइंड डॉ. वीरेंद्र तावड़े समेत दो आरोपी वकील संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे को अदालत ने बरी किया है. इसके पीछे सबूतों का अभाव को बड़ी वजह बताया गया है. 

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शरद कालस्कर और सचिन को उम्र कैद
पुणे की विशेष कोर्ट ने नरेंद्र दाभोलकर को गोली मारने वाले मुख्य आरोपी शरद कालस्कर और सचिन एंडुरे को दोषी करार दिया. इन दोनों ही आरोपियों को कोर्ट ने लाइफटाइम इम्प्रिजरमेंट यानी उम्र कैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही इन दोनों पर ही 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. 

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क्या है मामला
पुणे के ओंकारेश्वर ब्रिज पर सुबह की सैर करने निकले सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर पर 20 अगस्त 2013 को दो लोगों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं. इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को आरोपी बनाया था. इसी मामले में 11 साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. ये फैसला गैरकानूनी गतिविधियों अधिनयम से जुड़े केस की स्पेशल कोर्ट के एडिशनल जज ए ए जाधव ने अपना फैसला सुनाया है. 

बता दें कि इस मामले की शुरुआत जांच पुणे पुलिस कर रही थी, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद 2014 में इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया था. जून 2016 में हिंदू दक्षिणपंथी संगठन सनातन संस्था से जुड़े डॉ. वीरेंद्र सिंह तावड़े को अरेस्ट किया गया था. अभियोजन पक्ष के मुताबि तावड़े ही इस पूरे मामले में साजिशकर्ता था. 

दरअसल नरेंद्र दाभोलकर की संस्था महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की ओर से किए कामों का विरोध करती थी. इसी संस्था से तावड़े और कुछ अन्य आरोपी भी ताल्लुक रखते थे. इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने भगोड़े सारंग अकोलकर और विनय पवार को शूटर करार दिया था. 

Source : News Nation Bureau

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