कोरोना जैसी त्रासदी में भी शातिर दिमाग लोग हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. इसकी बानगी बुधवार 25 मार्च को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में देखने को मिली. लॉकडाउन के दौरान परेशान लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर एक फर्जी दारोगा सड़कों पर उतर आया. फर्जी दारोगा रोजमर्रा की चीजें इकट्ठी करने निकले लोगों को धमकाकर उनके फर्जी चालान काटकर वसूली करने लगा. संदिग्ध मामला संज्ञान में आते ही देहरादून नगर पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने तुरंत आरोपी को गिरफ्तार करवा लिया. आईएएनएस से गुरुवार को फोन पर बातचीत में देहरादून एसपी सिटी ने घटना की पुष्टी की.
देहरादून एसपी सिटी ने बताया, "हेमंत अग्रवाल नाम के शख्स को इस फर्जी दारोगा की हरकतों पर शक हुआ. चूंकि फर्जी दारोगा खाकी वर्दी पहने था. डील-डौल से भी पुलिस अफसर लग रहा था. लिहाजा शक होने के बाद भी पीड़ित ने उससे उलझने के बजाये देहरादून कैंट थाने से शिकायत करना ज्यादा मुनासिब समझा."
एसपी सिटी के मुताबिक, "हेमंत अग्रवाल की शिकायत पर 24 मार्च (मंगलवार) को संदिग्ध कथित दारोगा के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद उसे दबोचने के लिए टीमें बना दी गयीं. पड़ताल के दौरान क्षेत्राधिकारी (सर्किल अफसर) मसूरी को इस फर्जी दारोगा के बारे में कई खास जानकारी मिल गयीं."
सीओ मसूरी नरेंद्र पंत, थानाध्यक्ष देहरादून कैंट संजय मिश्रा, सब-इंस्पेक्टर राजेश सिंह और सिपाही सुभाष की अलग अलग टीमों ने संदिग्ध दारोगा को दबोचने के लिए घेराबंदी कर दी. इसी बीच 25 मार्च यानि बुधवार को पुलिस टीमों को पता चला कि, आरोपी ने अनार वाला सर्किट हाउस इलाके में भी कई लोगों को उत्तराखंड पुलिस का दारोगा बनकर ठगा है. टीमों ने 25 मार्च को आरोपी को घेरकर दबोच लिया.
देहरादून पुलिस प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा, "गिरफ्तार फर्जी दारोगा राजेंद्र उर्फ राजन (32) मूलत: पंजाब के पुराना दाना मंडी मोगा का रहने वाला है. वर्तमान में कैंट थाना क्षेत्र देहरादून में रह रहा था. आरोपी के पास से देहरादून पुलिस ने ठगी से हासिल 4 हजार से ज्यादा रुपये, सब इंस्पेक्टर की वर्दी, स्कूटी भी जब्त कर ली है. आरोपी ने पुलिस पूछताछ में कबूला कि उसका एक भाई पंजाब नारकोटिक्स विभाग में तैनात है."
देहरादून पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, "लॉकडाउन के दौरान जिला पुलिस आमजन की हरसंभव मदद की कोशिश में जुटी है. कोरोना के चलते लॉकडाउन में नागरिकों ने खुद को घरों में बंद कर रखा है. ऐसे में पुलिस उनके लिये दवाई, घरेलू रोजमर्रा की जरुरत और इस्तेमाल की वस्तुएं खुद दरवाजे पर पहुंचाने में जुटी है. जिले के हर थाने की पुलिस के इस बाबत सहयोग करने के निर्देश देहरादून के उप-महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा पहले ही दिये जा चुके हैं."
Source : IANS