logo-image

इस मुस्लिम नेता अमेरिकी राजदूत को बताया भारत अल्पसंख्यकों के लिए है स्वर्ग

मंत्री ने छात्रवृत्ति कार्यक्रम के विवरण को साझा किया, खास तौर से जो लड़कियों के शैक्षिक सशक्तीकरण के लिए हैं.

Updated on: 31 Oct 2019, 01:00 AM

नई दिल्ली:

अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिकी राजदूत सैमुअल ब्राउनबैक से बुधवार को अपनी बैठक के दौरान कहा कि भारत अल्पसंख्यकों के लिए स्वर्ग है, जिनके अधिकार देश में पूरी तरह सुरक्षित हैं. नकवी ने घंटे भर चली बैठक के दौरान ब्राउनबैक व उनके प्रतिनिधिमंडल को सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही विभिन्न सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तीकरण व कौशल विकास की योजनाओं के बारे में सूचित किया.

मंत्री ने छात्रवृत्ति कार्यक्रम के विवरण को साझा किया, खास तौर से जो लड़कियों के शैक्षिक सशक्तीकरण के लिए हैं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के प्रयासों की वजह से अल्पसंख्यकों के बीच स्कूल ड्रॉपआउट रेट घटकर 35 फीसदी पर आ चुकी है, जो 2014 में 70 फीसदी से ज्यादा थी. नकवी ने कहा, "हम इसे शून्य फीसदी पर लाने के लिए काम कर रहे हैं." सूत्रों ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने अल्पसंख्यकों की उन्नति के लिए मोदी सरकार के कार्यक्रमों की सराहना की. नकवी ने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द व सहिष्णुता भारत के बहुसंख्यक समुदाय के डीएनए में है और अल्पसंख्यकों के सामाजिक, धार्मिक व संवैधानिक अधिकार देश में पूरी तरह से सुरक्षित हैं.

हमारे कश्मीर दौरे को गलत नजरिये से न देखें : ईयू सांसद
इसके पहले यूरोपियन यूनियन के सांसदों ने बुधवार को अपने जम्मू-कश्मीर के दौरे को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा, हमारे कश्मीर दौरे को गलत नजरिए से देखा जा रहा है. हम सब आतंकवाद के खिलाफ साथ हैं. हम कश्‍मीर में तथ्‍यों को देखने आए हैं. EU सांसद ने कहा,  हम नाजीवादी लोग नहीं हैं. हम नाजीवादी होते तो हमें चुना नहीं जाता. कश्‍मीर के लोग विकास और शांति चाहते हैं. हमने भारत और पाकिस्‍तान के बीच बातचीत की वकालत की है. आतंकवाद की लड़ाई में हम सब साथ हैं.

विपक्ष ने किया था विरोध
उन्होंने कहा,  हमने नागरिकों से बातचीत की. सेना से बातचीत की. अनुच्‍छेद 370 भारत का अंदरूनी मसला है, ऐसा हमारा मानना है. भारत की सियासत में दखल देना हमारा मकसद नहीं है. उन्होंने कहा, हमारा दौरा किसी भी तरह से राजनीतिक नहीं है और न ही हम यूरोपियन यूनियन को किसी तरह की रिपोर्ट सौंपने वाले हैं. हमारे दौरे को गलत तरीके से पेश किया गया. बता दें, हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi), प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi), असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) समेत पूरा विपक्ष यूरोपियन यूनियन (European Union) के सांसदों के जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu and Kashmir) दौरे को लेकर मुखर हो गया था.