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CAA Violence: मानवाधिकार आयोग की टीम 14 जनवरी को आएगी जामिया, VC नज्मा अख्तर ने कही ये बात

15 दिसंबर को नागरिकता संशोधित कानून के खिलाफ जामिया में प्रदर्शन से भड़की हिंसा की जांच करने के लिए टीम पहुंच रही है.

Updated on: 12 Jan 2020, 06:50 PM

नई दिल्ली:

मानवाधिकार आयोग की टीम 14 जनवरी मंगलवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय का दौरा करेगी. टीम घायल छात्र-छात्राओं से बयान लेगी, साथ ही सबूत की भी मांग करेगी. 15 दिसंबर को नागरिकता संशोधित कानून के खिलाफ जामिया में प्रदर्शन से भड़की हिंसा की जांच करने के लिए टीम पहुंच रही है. टीम हिंसा के समय उपस्थित गवाहों से भी बयान दर्ज करेगी. टीम के आने पर विश्वविद्यालय की कुलपति नज्मा अख्तर ने कहा कि मैं आशा करती हूं कि वे लोग हमारे प्वाइंट ऑफ व्यू को समझने की कोशिश करेंगे.

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15 दिसंबर को हुई हिंसा में आरोप है कि पुलिस ने कैंपस में जबरदस्ती घुसकर छात्रों से मारपीट की थी. इसके लिए कई पार्टियों के नेता ने पुलिस की निंदी भी की थी. पुलिस की कार्रवाई से कई छात्र घायल हो गए थे. इस आरोप की जांच करने के लिए मानवाधिकार आयोग की टीम जांच करने आएगी. वहीं जामिया प्रशासन की ओर से जारी बयान में कहा था कि दिल्ली की सड़कों पर हुई हिंसा में कोई जामिया का विद्यार्थी शामिल नहीं है. बताया जा रहा था कि जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र भी इस उग्र प्रदर्शन में शामिल थे. उन्होंने कहा कि विरोध कर रहे जामिया के छात्र कॉलेज परिसर में बैठे थे. वे सड़कों पर नहीं थे. प्रशासन का कहना था कि जामिया के छात्रों की आड़ में हिंसा भड़काई जा रही है. वहीं न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी में प्रदर्शनकारियों ने बसों को आग के हवाले कर दिया था.

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देश में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) लागू हो चुका है. हालांकि, देश में अब भी इस कानून का काफी विरोध किया जा रहा है. इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया में संबोधन दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सीएए अलोकतांत्रिक और भेदभावपूर्ण है. यह भारतीय लोकतंत्र पर धब्बा है. जामिया मिलिया इस्लामिया के बाहर CAA के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन जारी है. जामिया में CAA और NRC के विरोध में चल रहे प्रदर्शन को अपना समर्थन देने कांग्रेस सांसद शशि थरूर और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा पहुंचे. इससे पहले शशि थरूर जाम में फंस गए.

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पुलिस बैरिकेडिंग की वजह से वह अपनी कार छोड़कर पैदल ही जामिया यूनिवर्सिटी गए. बता दें कि पिछले दिनों नागरिकता संशोधन को लेकर जामिया में हिंसा देखने को मिली थी. इस दौरान कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस दौरान पुलिस को आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े थे. इस दौरान शशि थरूर सड़क पर जाम लगने के कारण गाड़ी से उतकर पैदल ही जामिया पहुंचे. शशि थरूर ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को असंवैधानिक और भेदभाव पूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ने जानबूझकर एक खास धर्म के लोगों को छोड़ दिया है.