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AIMPLB पर बरसे नायडू, कहा आम सहमति से ही लागू होगा यूसीसी

केंद्र सरकार ने कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सहमति बनाने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक पर लॉ कमीशन ने सिर्फ सुझाव मंगाए हैं। नायडू ने ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) को जमकर खरी खटी भी सुनाई।

Updated on: 14 Oct 2016, 03:56 PM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सहमति बनाने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक पर लॉ कमीशन ने सिर्फ सुझाव मंगाए हैं। नायडू ने ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) को जमकर खरी-खरी भी सुनाई।

नायडू ने कहा कि नायडू ने कहा कि ट्रिपल तलाक और यूनिफॉर्म सिविल कोड में भ्रमित होने की ज़रूरत नहीं। यूनीफॉर्म सिविल कोड का प्रावधान संविधान में है, इसे मोदी सरकार लेकर नहीं आई है।

उन्होंने कहा कि सरकार यूसीसी सहमति के आधार पर ही लागू किया जाएगा, सरकार इसे थोपेगी नहीं।

एआईएमपीएलबी के रुख की उन्होंने नाराज़गी जताई और कहा कि उसे अगर राजनीति करनी है तो वो राजनीति में आएं। उऩकी समस्या क्या है ये समझ से परे है।

नायडू ने कहा, “एआईएमपीएलबी को जो कहना है वो अपने सुझाव में कह सकते हैं, अगर आपको लॉ कमीशन का बॉयकॉट करना है वो आपकी मर्जी है। लेकिन प्रधानमंत्री पर हमला क्यों। उन्हें तानाशाह क्या कहा जा रहा है।”

नायडू ने कहा कि ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट महिलाओं के आधिकार और सम्मान के मुद्दे पर धार्मिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच बहस चाहता है ताकि समस्या का हल निकाला जा सके।

उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता, महिलाओं का सम्मान और उनके साथ हो रहे भेदभाव को रोकने जैसे तीन मुद्दों पर चर्चा होनी है। उन्होंने कहा सचाई ये है कि लोग चाहते हैं कि ट्रिपल तलाक खत्म किया जाये।

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इधर मुलायम सिंह यादव ने ट्रिपल तलाक पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के मसले धर्म से जुड़े हैं और ये पर्सनल मामले होता है ऐसे में इसे धार्मिक नेताओं पर छोड़ देना चाहिए।  

लॉ कमीशन ने ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर जनता से राय मांगी है। इसके बाद एआईएमपीएलबी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तानाशाही का आरोप लगाया था।

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