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दूसरे राज्‍यों में फंसे अपने नागरिकों को 10,000 रुपये देगा यह राज्‍य

नगालैंड में अपर्याप्त पृथक-वास सुविधाओं और एक भी कोविड-19 जांच केंद्र न होने जैसी समस्याओं से जूझ रही राज्य सरकार ने यह फैसला किया है कि अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी अगर इस समय वापस नहीं आते हैं, तो उन्हें 10,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी.

Updated on: 13 May 2020, 02:25 PM

कोहिमा:

नगालैंड में अपर्याप्त पृथक-वास सुविधाओं और एक भी कोविड-19 जांच केंद्र न होने जैसी समस्याओं से जूझ रही राज्य सरकार ने यह फैसला किया है कि अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी अगर इस समय वापस नहीं आते हैं, तो उन्हें 10,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. राज्य के मुख्य सचिव तेमजेन तॉय ने कहा कि देशव्यापी बंद के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से फंसे हुए लोगों को वापस लाने वाले राज्यों में कोविड-19 मामलों में वृद्धि देखी गई है.

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दूसरे राज्यों में फंसे हुए नगालैंड के 18,000 से अधिक लोगों ने अपने घर वापस लौटने के लिए राज्य सरकार के पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है. तॉय ने कहा, ‘‘सरकार ने बाहर रह रहे राज्य के उन नागरिकों को 10,000 रुपये देने का फैसला किया है, जो अभी जहां हैं, वहीं रहने का विकल्प चुनते हैं.’’

मुख्य सचिव ने मंगलवार को कहा था कि राज्य सरकार ने अपर्याप्त पृथक-वास सुविधाओं और अन्य संसाधनों की कमी के कारण प्रवासियों की चरणबद्ध वापसी के लिए विस्तृत योजना बनाई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने फंसे हुए लोगों को उनके मूल स्थानों तक पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेन सेवाएं शुरू कर दी, जिससे योजना गड़बड़ा गई.

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उन्होंने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए, राज्य सरकार ने फंसे हुए बुजुर्गों और इलाज के लिए राज्य से बाहर गए रोगियों की वापसी को प्राथमिकता देने का फैसला किया है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को कहा कि नगा अस्पताल प्राधिकरण ने कोहिमा में राज्य की पहली कोविड-19 जांच प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए प्रोटोकॉल पूरा कर लिया गया है और इसके लिए आईसीएमआर की मंजूरी का इंतजार है.

नगालैंड में अब तक कोविड-19 का कोई भी मामला सामने नहीं आया है और नमूने जांच के लिए असम और मणिपुर के जांच केंद्रों में भेजे गए हैं.