पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड में उग्रवादियों के हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार ने अफस्पा (Armed Forces Special Powers Act) के तहत और 6 महीने के लिए पूरे राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 30 जून को इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया।
फैसले को लेकर गृह मंत्रालय ने बताया कि नागालैंड में वर्तमान स्थिति बेहद गंभीर और खतरनाक है इसलिए वहां नागरिकों की रक्षा के लिए सशस्त्र बलों को विशेष अधिकार और शक्ति की जरूरत को देखते हुए फैसला किया गया है। अफस्पा के तहत सशस्त्र बलों को विशेष अधिकार और शक्ति मिलती है।
इससे पहले दिसंबर 2016 में भी राज्य को 6 महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया गया था। केंद्र सरकार ने ये फैसला स्पेशल पॉवर एक्ट 1958 के सेक्सन 3 के तहत लिया है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य में बढ़ती हत्याओं, लूट, धमकी की घटनाओं की वजह से सरकार ने अशांत क्षेत्र घोषित करने का फैसला किया था।
गौरतलब है कि नागालैंड में अफस्पा बीते कई दशकों से लागू है। 3 अगस्त 2015 को नागा विद्रोही समूह (NSCN-IM) के सचिव और केंद्र सरकार के बीच समझौते की रूपरेखा पर हस्ताक्षर करने होने के बाद भी वहां अफस्पा नहीं हटा गया था।
भारत और नागा विद्रोही समूह के बीच ये समझौता 18 सालों में 80 दौर की बातचीत के बीच हुआ था।
HIGHLIGHTS
- नागालैंड को और 6 महीने के लिए केंद्र सरकार ने अशांत क्षेत्र घोषित किया
- नागालैंड की वर्तमान स्थिति और हिंसा को देखते हुए लिया गया फैसला
Source : News Nation Bureau