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लोकसभा चुनाव

नागालैंड टी आर जेलियांग होंगे अगले मुख्यमंत्री, राज्यपाल ने दिया न्यौता

नागालैंड के मुख्यमंत्री शुरहोजेली लीजीत्सु और उनके समर्थक आज विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने नहीं पहुंच सके। जिसके बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

Updated on: 19 Jul 2017, 02:00 PM

highlights

  • नगालैंड के मुख्यमंत्री शुरहोजेली लिजित्सू शक्ति परीक्षण के लिए नहीं पहुंचे।
  • विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है।
  • अटकलें लगायी जा रही थी कि लीजीत्सु शक्ति परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे सकते है।

नई दिल्ली:

नागालैंड में मुख्यमंत्री शुरहोजेली लीजीत्सु के विधानसभा में शक्ति परिक्षण में शामिल न होने के चलते राज्यपाल ने पूर्व मुख्यमंत्री टी आल जेलियांग को सरकार बनाने का न्यौता दिया है। इसी के बाद दोपहर 3 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। 

बता दें कि बुधवार को मुसीबतों से घिरे हुई नागालैंड के मुख्यमंत्री शुरहोजेली लीजीत्सु और उनके समर्थक आज विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने नहीं पहुंच सके। जिसके बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था।

नागालैंड के गवर्नर पी बी आचार्य ने कल शाम सभा के स्पीकर को आदेश जारी कर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को कहा था। उसी के तहत बुधवार को 9:30 बजे विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था जहां लीजीत्सु को विश्वासमत हासिल करना था।

गौतलब है की नागालैंड पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ) के नेता लीजीत्सु अपनी ही पार्टी के विधायको द्वारा विद्रोह झेल रहे है।  

पूर्व मुख्यमंत्री टी आर जेलिआंग अपने समर्थकों के साथ सदन में मौजूद थे। मुख्यमंत्री लीजीत्सु विश्वासमत हासिल करने के दौरान सदन में उपस्थित नहीं थे इसलिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।

सभा के स्पीकर ने कहा कि वो सभा की कार्यवाही की जानकारी गवर्नर को दे देंगे। मामले पर ज्यादा जानकारी के लिए लीजीत्सु गुट के विधायकों से संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन किसी से कोई बात नहीं हो सकी।

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गौरतलब है कि गुवाहाटी हाई कोर्ट की कोहिमा बेंच ने लीजीत्सु के शक्ति परीक्षण पर रोक लगाने के अनुरोध को ठुकरा दिया था। अदालत ने यह मामला गर्वनर के विवेक पर छोड़ दिया था।

फैसले के बाद मीडिया से बात करते हुए लीजीत्सु ने कहा था, 'विश्वास मत हासिल करने का कोई नियम नहीं है। विधानसभा में जाने का कोई मतलब नहीं है। विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि उनके खिलाफ कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया गया है।'

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