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तमिलनाडु में मछली पकड़ने की परियोजना के लिए नाबार्ड ने 24.90 लाख रुपये का किया अनुदान

तमिलनाडु में मछली पकड़ने की परियोजना के लिए नाबार्ड ने 24.90 लाख रुपये का किया अनुदान

Updated on: 22 Aug 2021, 05:35 PM

चेन्नई:

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में एकीकृत मैंग्रोव मत्स्य पालन प्रणाली (आईएमएफएफएस) पर एक परियोजना के लिए 24.9 लाख रुपये का अनुदान आवंटित किया है।

रविवार को नाबार्ड के एक बयान में कहा गया है कि एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन (एमएसएसआरएफ) उस परियोजना को लागू करेगा जिसका उद्देश्य मछली पकड़ने वाले समुदाय की अनुकूली क्षमता को बढ़ाव देने में मदद करेगा।

यह परियोजना तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में मुदासलोदई गांव में 2.1 हेक्टेयर भूमि पर लागू की जा रही है और इसमें मुदोसलोदई और कलैग्नर तटीय बस्तियों के पारंपरिक और इरुला मछुआरे शामिल हैं, जो ज्यादातर पिचवरम से हैं।

एमएसएसआरएफ के वैज्ञानिकों ने कहा, यह एक नई तरह की कृषि प्रणाली है, जिसमें मिट्टी के जलीय कृषि तालाबों को संशोधित किया जाता है, ताकि मैंग्रोव विकसित करने के लिए 30 प्रतिशत क्षेत्र और शेष मछली की खेती के लिए उपलब्ध कराया जा सके।

उन्होंने कहा कि खेतों को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि उन्हें ज्वार-भाटा खिलाया जा सके, जिससे वे अधिक पर्यावरण के अनुकूल हों और मैंग्रोव की उपस्थिति से समुद्र के बढ़ते स्तर के प्रभाव को कम किया जा सके।

मछली की निरंतर फसल तटीय समुदाय की अनुकूली क्षमता का भी ध्यान रखेगी।

खेत के तालाब को माइटोकॉन्ड्रिया पैटर्न मॉडल में डिजाइन किया गया है और तालाब के विकास में खरपतवारों को हटाना, पानी से भरे क्षेत्रों को गहरा करना, तालाब के बांधों को मजबूत करना, पुष्प और जीव विविधता विश्लेषण और मैंग्रोव वृक्षारोपण शामिल हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.