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बंगाल सरकार 4 स्थायी हेलीपैड विकसित करेगी

बंगाल सरकार 4 स्थायी हेलीपैड विकसित करेगी

Updated on: 25 Sep 2021, 12:45 AM

कोलकाता:

हाल की प्राकृतिक आपदाओं और राज्य सरकार की प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने दक्षिण 24 परगना में चार स्थायी हेलीपैड विकसित करने का फैसला किया है ताकि प्रशासन प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों को निकालने में तेजी ला सके।

इस साल जुलाई में दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी पी. उलगनाथन ने जिले में चार स्थायी हेलीपैड विकसित करने का प्रस्ताव परिवहन विभाग को भेजा था। उन्होंने कहा इस संबंध में कहा कि दक्षिण 24 परगना में पिछले कुछ वर्षों में कई बड़ी प्राकृतिक आपदाएं देखी गई हैं और बुनियादी ढांचे की कमी के कारण प्रशासन के लिए लोगों को तुरंत निकालना मुश्किल हो जाता है।

उन्होंने जिले में चार हेलीपैड विकसित करने का प्रस्ताव रखा है, जो न केवल जिले से लोगों को निकालने में मदद करेगा बल्कि उत्तर 24 परगना और पूर्व तथा पश्चिम मिदनापुर जैसे पड़ोसी जिलों के संकटग्रस्त लोगों तक पहुंचने में भी मदद करेगा।

राज्य सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि राज्य के मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी ने प्रस्ताव के अनुसार हेलीपैड के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। लोक निर्माण विभाग को हेलीपैड निर्माण के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। ये हेलीपैड गोसाबा, पत्थर प्रतिमा, काकद्वीप और डायमंड हार्बर-2 ब्लॉक में बनाए जाएंगे।

प्रशासन सूत्रों के अनुसार, चार हेलीपैड के निर्माण के लिए छह एकड़ भूमि भी चिन्हित की गई है, जिसमें गोसाबा ग्राम पंचायत में किसानों की मंडी, पत्थर प्रतिमा गोपालनगर ग्राम पंचायत क्षेत्र, काकद्वीप के श्रीनगर ग्राम पंचायत क्षेत्र और डायमंड हार्बर-2 ग्राम पंचायत के माथुर ग्राम पंचायत क्षेत्र के लिए हेलीपैड स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि मई 2020 में पश्चिम बंगाल में भीषण चक्रवाती तूफान अम्फान ने दस्तक दी थी। ओडिशा के तट पर भीषण चक्रवात यास के टकराने से भी जिले को नुकसान हुआ था। दोनों चक्रवातों में दक्षिण 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर के बड़े इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए थे। हालांकि राज्य सरकार द्वारा त्वरित कार्रवाई के कारण लोगों को बचा लिया गया था।

राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि बचाव अभियान में देरी इसलिए हुई, क्योंकि हेलीकॉप्टरों को कोलकाता से उड़ान भरनी पड़ रही थी। एक अधिकारी ने कहा, अगर जिले में हेलीपैड होते तो हम लोगों को तेजी से निकाल सकते थे। हम उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधाएं दे सकते थे। इसलिए, हेलीपैड के निर्माण से बेहतर आपदा प्रबंधन में मदद मिलेगी।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.