पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राजनीति में दोबारा आने की संभावनाओं को लेकर उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने रविवार को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनके पिता दोबारा राजनीति में क़दम नहीं रखेंगे।
इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि ऐसा लगता है कि अगर बीजेपी को 2019 लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो आरएसएस प्रणव मुखर्जी का नाम पीएम पद के लिए आगे कर देगा।
उन्होंने कहा, 'हमें लगता है कि आरएसएस खुद को उस स्थिति के लिए तैयार कर रहा है कि अगर भाजपा आवश्यक संख्याबल (2019 में) प्राप्त करने में विफल हो तो वह प्रणब मुखर्जी का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए पेश कर सके। इस बार हर हाल में भाजपा कम से कम 110 सीटें हारेगी।'
जिसके जवाब में शर्मिष्ठा ने ट्विटर पर लिखा, 'मिस्टर राउत, भारत के राष्ट्रपति पद से रिटायर होने के बाद मेरे पिता दोबारा सक्रिय राजनीति में नहीं उतरेंगे।'
बता दें कि शुक्रवार को प्रणब मुखर्जी आरएसएस के बुलावे पर नागपुर में आयोजित 'तृतीय वर्ष वर्ग' कार्यक्रम के समापन समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे। उस दौरान प्रणब की बेटी शर्मिष्ठा ने उनके इस कार्यक्रम में जाने का विरोध किया था।
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शर्मिष्ठा ने ट्विटर पर अपना विरोध दर्ज़ कराते हुए कहा था, "उम्मीद है 'मुखर्जी' आज की घटना से समझ जाएंगे कि कैसे बीजेपी की गंदी चालबाजी विभाग काम करती है।"
उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा था, 'यहां तक कि आरएसएस को भी उम्मीद नहीं होगी कि आप उनके विचारों का बखान करेंगे। लेकिन भाषणों को भुला दिया जागा, दृश्य बने रहेंगे और उसे फर्जी बयानों के साथ फैलाया जाएगा।'
उन्होंने कहा था, 'नागपुर जाकर आप बीजेपी/आरएसएस को फर्जी कहानियां गढ़ने, फर्जी अफवाह फैलाने के लिए पूरी छूट दे रहे हैं और यह केवल शुरुआत है!'
हालांकि उस कार्यक्रम के ख़त्म होने के बाद शर्मिष्ठा ने एक ट्वीट के जवाब में कहा था कि एक बेटी और भारत की नागरिक होने के नाते ये उनके अधिकार क्षेत्र में आता है कि वो किसी मुद्दे को लेकर अपना मत रखे। और ऐसा उन्हें उनके परिवार ने बचपन से सिखाया है।
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Source : News Nation Bureau