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ब्रजेश ठाकुर (फाइल फोटो)
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है. बिहार सरकार से प्राप्त अनुदान में अनियमियताओ की जांच होगी. बालिका गृह और महिला अल्पावास गृह आदि का फर्जी तरीके से संचालन कर सरकार से अनुदान प्राप्त किया जाता था. ईडी जे सूत्रों के मुताबिक, आरोपित ब्रजेश ठाकुर और उसका स्टाफ राज्य सरकार से अवैध तरीके से पैसे लेने में शामिल है. इससे पहले बिहार पुलिस ने ब्रजेश ठाकुर की 2.65 करोड़ की संपत्ति जब्त करने का फैसला किया है.
Enforcement Directorate has registered a case under Prevention of Money Laundering Act (PMLA) in Muzaffarpur shelter home case. ED sources said that accused Brajesh thakur and his staff are involved in illegally taking money from the state govt in the name of shelter home. #Biharpic.twitter.com/IgTKY02H47
— ANI (@ANI) October 17, 2018
बिहार सरकार ने मुजफ्फरपुर कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को मुजफ्फरपुर से भागलपुर जेल और अन्य आरोपीयों को पटना जेल में स्थानांतरित का फैसला किया था. कुछ हफ्ते पहले यौन शोषण मामले में सिकंदरपुर स्थित एक श्मशान घाट की खुदाई के बाद एक नरकंकाल बरामद किया गया था.
क्या है मामला ?
बता दें कि मुंबई स्थित टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस की एक रिपोर्ट में इस मामले का खुलासा हुआ था. इंस्टिट्यूट ने सूबे की सरकार को सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट सौंपी थी. रिपोर्ट में बच्चियों के साथ मुजफरपुर बालिका आश्रय गृह में लड़कियों के साथ यौन शोषण की घटना सामने आई थी. बच्चियों की चिकित्सकीय जांच के बाद 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी.
पुलिस ने मुजफ्फरकाण्ड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार किया था. सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. इस मामले में अब तक दस लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस मामले में राज्य के सामाजिक कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा भी देना पड़ा है. आरोप है कि मंत्री रही वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा का ब्रजेश के साथ घनिष्ठ संबंध है.