मुसलमान करें अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने लोगों से अपील की है कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सर्वोच्च न्यायालय का जो भी फैसला आए, वे उसे शांतिपूर्वक स्वीकार करें.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने लोगों से अपील की है कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सर्वोच्च न्यायालय का जो भी फैसला आए, वे उसे शांतिपूर्वक स्वीकार करें.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
मुसलमान करें अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील

मुसलमान करें अयोध्या मामले में कोर्ट के फैसले का सम्मान- मुस्लिम बोर्ड( Photo Credit : फाइल फोटो)

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने लोगों से अपील की है कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सर्वोच्च न्यायालय का जो भी फैसला आए, वे उसे शांतिपूर्वक स्वीकार करें. सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 17 नवंबर से पहले फैसला सुना सकता है. इसी दिन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई अपने पद से सेवानिवृत्त होंगे. चूंकि अब सुप्रीम कोर्ट के फैसला सुनाने की घड़ी नजदीक आ रही है, कई मुस्लिम मौलवी या धर्मगुरु लोगों से शांति बरतने की अपील कर रहे हैं.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः अखिलेश यादव बोले- पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगाया था, आज भी ऐसे ही सरदार की जरूरत

एआईएमपीएलबी के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि सभी लोगों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए और स्वीकार करना चाहिए. उन्होंने मुस्लिम समुदाय से कहा है कि यदि फैसला उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं भी उतरता है तो भी वे किसी भी प्रकार का विरोध प्रदर्शन या नारेबाजी न करें. मौलाना खालिद रशीद ने कहा, 'देश में माहौल को खराब करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए और सोशल मीडिया पर भी सावधानी बरतनी चाहिए. किसी भी मुस्लिम को परिणामों से डरने या आशंकित होने की कोई आवश्यकता नहीं है.'

यह भी पढ़ेंः विरोधी ताकतें लगातार देश तोड़ने की साजिश कर रही हैं, सीएम योगी ने दिया बड़ा बयान

शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने भी कहा है कि अदालत का फैसला सभी के लिए स्वीकार्य होगा और देश में शांति भंग करने के लिए किसी भी पक्ष द्वारा कोई प्रयास नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, 'हम संविधान और कानून का सम्मान करते हैं और कोर्ट के फैसले का पालन करेंगे. शांति भंग करने का प्रयास करने वालों को इस्लाम का सच्चा अनुयायी नहीं कहा जा सकता.'

यह वीडियो देखेंः 

Supreme Court Ayodhya ram-mandir AIMPLB Babri Maszid
      
Advertisment