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मुस्लिमों में असुरक्षा पर पूछे सवालों से डरे हामिद अंसारी छोड़ गए इंटरव्यू

देश में मुसलमान असुरक्षित है की बात कहकर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने फिर दोहराया कि पंथनिरपेक्षता (Secularism) शब्द सरकार के शब्दकोष से गायब हो गया है.

Updated on: 31 Jan 2021, 06:50 AM

नई दिल्ली:

बगैर सोचे-समझे दिए गए भड़काऊ बयान अक्सर राजनेताओं के पीछे भूत की तरह चिपक जाते हैं. कुछ यही हाल एक दशक तक उपराष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी (Hamid Ansari) के साथ भी हो रहा है. अपने दूसरे कार्यकाल के खत्म होने से पहले हामिद अंसारी ने एक नहीं बल्कि दो बार अलग-अलग जगह कहा था कि देश के मुसलमानों (Muslims) में असुरक्षा है. ऐसे में एक निजी टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने फिर दोहराया कि पंथनिरपेक्षता (Secularism) शब्द सरकार के शब्दकोष से गायब हो गया है. यह अलग बात है कि इसी सवाल को बार-बार पूछे जाने पर उन्होंने अपना आपा खो दिया और एंकर की मानसिकता पर सवाल खड़ा कर बीच में ही इंटरव्यू छोड़ चले गए.

सरकार के शब्दकोष से पंथनिरपेक्षता गायब
'जी न्यूज' पर शनिवार रात प्रसारित इंटरव्यू में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपनी किताब में लिखी बात को दोहराते हुए कहा कि आज सरकार की डिक्शनरी में सेक्युलरिज्म शब्द है ही नहीं. यह पूछने पर कि क्या 2014 से पहले सरकार की डिक्शनरी में यह शब्द था, तब उनका जवाब था- हां, लेकिन पर्याप्त नहीं. इसके बाद एंकर ने एक के बाद एक काउंटर सवाल पूछना शुरू किए. इस क्रम में उनके सवालों में हिंदू आतंकवाद से लेकर तुष्टीकरण और 'मुस्लिमों में असुरक्षा', मॉब लिंचिंग जुड़ते गए और आखिरकार अंसारी अचानक इंटरव्यू छोड़कर चले गए. खासकर जब हिंदू आतंकवाद कहा जाता था, तब क्या सरकार की डिक्शनरी में सेक्युलरिज्म था, इस सवाल ने अंसारी का जायका बिगाड़ दिया. उन्होंने कहा कि इस तरह की बात उन्होंने तो नहीं कही है. किसी ए, बी, सी की कही बातों को मुझसे मत जोड़िए, जिन्होंने यह बात कही, उनसे ही पूछिए.

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हिंदुओं की भी लिंचिग पर खोया आपा
एंकर ने उनसे पूछा कि आप 10 साल तक उपराष्ट्रपति रहे, एमएमयू के वीसी रहे, अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख रहे, राजनयिक रहे, देश ने आपको इतना कुछ दिया लेकिन आपने कार्यकाल के आखिरी दिन आपने कह दिया कि मुस्लिम असुरक्षित हैं, इसकी क्या वजह है? एंकर के इस सवाल पर अंसारी ने कहा कि उन्होंने यह बात पब्लिक पर्सेप्शन के आधार पर कही है. इसी सिलसिले में उन्होंने लिंचिंग का भी जिक्र किया. काउंटर सवाल में जब एंकर ने पूछा कि लिंचिंग तो हिंदुओं की भी होती है, तब अंसारी ने कहा कि होती होगी.

एंकर की मानसिकता पर उठाए सवाल
एंकर ने कई बार यह सवाल पूछा कि आपको आखिर क्यों लगा कि मुस्लिम असुरक्षित है, लेकिन अंसारी इसका कोई सीधा जवाब न देकर टालने की कोशिश कर रहे थे. वह बार-बार अपनी किताब के फुटनोट को ध्यान से पढ़ने की बात कह रहे थे. इसी दौरान एंकर ने कहा कि इंटरव्यू का मकसद उनकी किताब का प्रचार करना नहीं बल्कि उसमें उठाई गईं बातों पर सवाल करना है. बार-बार 'मुस्लिमों में असुरक्षा' वाले बयान पर ही सवाल पूछे जाने पर वह बिदक गए. उन्होंने एंकर से कहा कि आपकी मानसिकता ठीक नहीं है. क्या मैंने आपको इनवाइट किया था? आप किताब का रिव्यू कीजिए...आपकी मानसिकता ठीक नहीं है. ये कहते हुए वह अचानक थैंक्स कहकर इंटरव्यू से उठ गए.

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यूपी में धर्म के आधार पर जेल
जी न्यूज पर प्रसारित इंटरव्यू में हामिद अंसारी ने यह भी आरोप लगाया कि यूपी में लोगों को धर्म के आधार पर जेल में बंद किया जा रहा है. पूर्व उपराष्ट्रपति से जब यह पूछा गया कि उन्हें ऐसा क्यों लगता है तो उन्होंने कहा जब यूपी में लोगों को बंद किया जा रहा है. किसी पर लव जेहाद है किसी पर ट्रिपल तलाक है. ट्रिपल तलाक कभी धार्मिक मान्यता प्राप्त नहीं था, यह सामाजिक बुराई थी. इसके खिलाफ कानून बना यह ठीक है, लेकिन इसे लागू किस तरह किया जा रहा है. 

अपने दूसरे कार्यकाल में यह कहा था था हामिद अंसारी ने
दरअसल उपराष्ट्रपति रहते हुए हामिद अंसारी ने यह बयान दिया था कि देश के मुसलमानों में असुरक्षा की भावना है. बेंगलुरु में नैशनल लॉ स्कूल ऑफ यूनिवर्सिटी के 25वें दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा था कि देश के अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की आशंका बढ़ी है. बाद में कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले राज्यसभा टीवी को दिए इंटरव्यू में भी उन्होंने ये बातें दोहराई थीं. हामिद अंसारी ने अपनी नई किताब 'बाय मेनी ए हैप्पी एक्सीडेंट: रीकलेक्शन ऑफ ए लाइफ' में लिखा है कि इन दोनों ही घटनाओं ने कुछ तबकों में नाराजगी पैदा की.