1947 में पाकिस्तान न जाकर मुस्लिमों ने भारत पर कोई उपकार नहीं किया : योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस समय दिल्ली चुनाव के प्रचार में जुटे हैं. वह लगातार सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर निशाना साध रहे हैं.
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) इस समय दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) के प्रचार में जुटे हैं. वह लगातार सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर निशाना साध रहे हैं. इसके साथ ही वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और कांग्रेस पर सीएए के प्रदर्शनकारियों के समर्थन का आरोप लगा रहे हैं. सीएम योगी ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि 1947 में जो मुस्लिम पाकिस्तान (Pakistan) नहीं गए उन्होंने भारत पर कोई उपकार नहीं किया.
सीएम योगी ने कहा कि बीजेपी का एक कार्यकर्ता होने के नाते वह दिल्ली के चुनाव प्रचार में जुटे हैं. बीजेपी चुनाव विकास, सुशासन, रोजगार और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर लड़ रही है.
उन्होंने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भी देश में अलगाव फैलाने वालों पर एक्शन लिया जाता है तो इन्हें दिक्कत होती है.
जो पाकिस्तान नहीं गए उन्होंने उपकार नहीं किया
यह पूछे जाने पर कि जो लोग एनआरसी और सीएए का विरोध कर रहे हैं उनमें वह लोग हैं जिनके पूर्वज पाकिस्तान नहीं गए. उन्होंने मजहब के आधार पर बने देश का समर्थन नहीं किया. इस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर से यहा कहा कि 'यह कोई उपकार नहीं था.' सीएम योगी ने आगे कहा कि 'देश के विभाजन का विरोध करना चाहिए था.'
कौन सी आजादी चाहिए?
सीएम योगी ने कहा कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में जो लोग हैं भला वह आजादी का नारा क्यों लगा रहे हैं. उन्हें किससे आजादी चाहिए. यह पूछे जाने पर कि आखिर सीएए में मुस्लिमों को क्यों नहीं शामिल किया गया है पर सीएम योगी ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में भला कौन प्रताड़ित है. वहां हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और इसाई सबसे ज्यादा पीड़ित हैं. भला इन इस्लामिक देशों में मुस्लिमों को क्या दिक्कत होगी?
विरोध का तरीका लोकतांत्रिक नहीं
सीएम योगी ने कहा कि शाहीन बाग में जो लोग विरोध करने बैठे हैं उनका तरीका लोकतांत्रिक नहीं है. सड़क जाम कर पब्लिक को परेशान करना गलत होगा. यहां भारत विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं तो भला यह लोकतांत्रिक कैसे हो गया. उन्होंने आगे कहा कि धरना प्रदर्शन करने के लिए इजाजत लेनी पड़ती है. मैने जो प्रदर्शन किए वह सभी परमीशन लेने के बाद किए. परमीशन नहीं मिलती थी तो हम उस बात का विरोध करते थे. लेकिन यह मतलब नहीं कि असीमित समय तक हम सड़क जाम रखेंगे.
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