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मोदी सरकार ने किया साफ- AMU से 'मुस्लिम', BHU से 'हिंदू' शब्द नहीं हटेगा

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के नाम बदलने के प्रस्ताव संबंधी खबर पर केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

Updated on: 09 Oct 2017, 05:43 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के नाम बदलने के प्रस्ताव संबंधी खबर पर केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। दोनों विश्वविद्यालयों की ऑडिट कर रहे पैनल ने सुझाव दिया है कि दोनों यूनिवर्सिटीज़ के नाम से धर्मसूचक शब्द हटा दिये जाएं। 

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हमारा नाम बदलने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा, 'दोनों यूनिवर्सिटी सैकड़ों साल पुरानी है। हमारा इरादा नाम बदलने का नहीं है। हमने कमेटी बनाई थी अभी रिपोर्ट मैंने नहीं देखी है।'

वहीं अल्पसंख्यक और संसदीय कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से मुस्लिम और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से हिंदू शब्दों को हटाया नहीं जाएगा।

एक अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार केंद्रीय विश्वविद्यालयों को लेकर गठित एक पैनल ने यूनिवर्सिटी से हिंदू और मुस्लिम शब्दों को हटाने की सलाह दी है।

ऑडिट पैनल का कहना है कि हिंदू और मुस्लिम जैसे शब्द विश्वविद्यालयों की धर्मनिरपेक्ष छवि को नहीं दिखाते हैं।

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अखबार की रिपोर्ट के अनुसार यूजीसी ने 10 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कथित अनियमितताओं की शिकायतें आई थीं। जिसकी जांच के लिये मानव संसाधन मंत्रालय के निर्देश पर 25 अप्रैल को पांच कमेटियां गठित की थीं। इन समितियों में से एक समिति ने प्रस्ताव दिया है कि धर्म को दर्शाने वाले शब्दों को हटाया जाना चाहिए।

एएमयू और बीएचयू के अलावा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, उत्‍तराखंड की हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी, त्रिपुरा की सेंट्रल यूनिवर्सिटी, पांडिचेरी यूनिवर्सिटी, राजस्‍थान की सेंट्रल यूनिवर्सिटी, जम्‍मू की सेंट्रल यूनिवर्सिटी, मध्‍य प्रदेश की हरि सिंह गौर यूनिवर्सिटी, वर्धा का महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिन्‍दी विश्‍वविद्यालय, झारखंड की सेंट्रल यूनिवर्सिटी का भी ‘शैक्षिक, शोध, वित्‍तीय और बुनियादी संरचना ऑडिट’कराया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक ये सुझाव एएमयू की ऑडिट करने वाली समिति ने दिया है। उसने कहा है कि संस्‍थान को या तो सिर्फ 'अलीगढ़ यूनिवर्सिटी ' कहा जाए या फिर इसका नाम इसके संस्‍थापक सर सैयद अहमद खान के नाम पर रख दिया जाए। बीएचयू के मामले में भी एक ऐसी ही शिफारिश की गई है।

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