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मदरसों के सर्वे को लेकर मुस्लिम संगठन ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, जानें क्या लिखा है

मदरसों के सर्वे को लेकर रजा एकेडमी ने राष्ट्रपति को लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों का सर्वे कीजिए, जो मदरसे चंदे से चल रहे हैं उनका सर्वे ना हो. दूसरे धर्म और आरएसएस के शिक्षा संस्थानों का भी सर्वे कीजिए.

Updated on: 18 Sep 2022, 07:36 PM

नई दिल्ली:

मदरसों के सर्वे को लेकर रजा एकेडमी ने राष्ट्रपति को लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों का सर्वे कीजिए, जो मदरसे चंदे से चल रहे हैं उनका सर्वे ना हो. दूसरे धर्म और आरएसएस के शिक्षा संस्थानों का भी सर्वे कीजिए. वहां तो हथियारों की ट्रेनिंग दी जाती है. मदरसों में शामिल कोई एक शख्स गलत करता है तो उसको सजा दीजिए, इसके लिए पूरा मदरसा गिराने का हक किसने दिया है. बाल बढ़ता है तो बाल काटते हैं, ये नहीं कि सर कलम कर देते हैं. मुसलमानों को टारगेट करने के लिए और 2024 के इलेक्शन की तैयारी के लिए ये किया जा रहा है.

इसे लेकर रजा एकेडमी के सेक्रेटरी मौलाना खलीलुर्रहमान नूरी ने बताया कि UP और असम में मदरसों के खिलाफ कर्रवाई को लेकर मुस्लिम संगठन रजा एकेडमी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है. राष्ट्रपति को लिखे पत्र में रजा अकेडमी ने कहा कि किसी भी एक व्यक्ति के गुनाहों की सजा उस एक व्यक्ति को मिलना चाहिए उस पूरे मदरसे को तोड़ना गलत है. मदरसा किसी का व्यक्तिगत नहीं होता वो पूरी कम्युनिटी का होता है, इसलिए एक व्यक्ति के अपराध की सजा उस पूरे कम्युनिटी को नहीं दिया जाना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट के बिना आदेश के अगर कोई सरकारी संस्था या किसी मदरसा को तोड़ती है उनके खिलाफ सख्त कर्रवाई होनी चाहिए. जो स्टेटस स्कूली बच्चों को मिलता है मदरसा के बच्चों को वही स्टेटस दिया जाना चाहिए. मदरसा के खिलाफ किसी भी प्रोपोगंडा या उसे बदनाम करने वालों के खिलाफ कानूनी कर्रवाई होनी चाहिए.