logo-image

दस हजार लाईटों से जगमगया भारत का सबसे बड़ा क्रिसमस ट्री, कॉटन स्नो से बना सांता

देश के कोने-कोने में साल के अंतिम त्योहार क्रिसमस के लिए तैयारियां अब पूरी हो चुकी हैं। मुंबई में करीब दस हजार रंग बिरंगी लाईटों से भारत के सबसे बड़े क्रिसमस ट्री को सजाया गया है

Updated on: 25 Dec 2017, 10:53 AM

मुंबई:

देश के कोने-कोने में साल के अंतिम त्योहार क्रिसमस के लिए तैयारियां अब पूरी हो चुकी हैं।

वहीं मुंबई में करीब दस हजार रंग बिरंगी लाईटों, सुंदर और मनमोहक परियों, रेंडियर और घंटियों व गजरों के साथ कॉटन स्नो से बने एक मुस्कराते तोंद वाले सांता क्लॉज से मशहूर और शानदार क्रिसमस ट्री को सजाया गया है।

इसे भारत का सबसे लंबा पेड़ बताया जा रहा है। 

दक्षिणी मुंबई के एक निजी आवासीय सोसायटी आदर्श नगर के एक छोटे से बगीचे में भारत के सबसे ऊंचे, भव्य तरीके से सजाए गए, प्राकृतिक शंकुधारी वृक्ष को क्रिसमस ट्री के रूप में रिकॉर्ड बुक में दर्ज किया गया है। जिसकी ऊंचाई करीब 65 फुट या सात मंजिला इमारत से ऊंची है। 

इस क्रिसमस ट्री के मालिक डगलस सलदान्हा ने बताया, 'मैं पिछले 45 वर्षो से इसकी देखभाल कर रहा हूं इससे पहले, मेरी बहन ट्विला मेरी मदद करती थी लेकिन, जून 2005 में उसकी मृत्यु के बाद, मैं अकेले ही इसपर ध्यान दे रहा हूं।'

सलदान्हा परिवार का इतिहास इस भव्य क्रिसमस ट्री के साथ घनिष्ठता से जुड़ा हुआ है। जमीन से जुड़े इस चार सदस्यीय परिवार में दिवंगत हेनरी सलदान्हा, उनकी पत्नी ग्रेस, उनकी दिवगंत बेटी ट्विला और बेटा डगलस मंगलौर के रहने वाले हैं। 

और पढ़ें: 'योर्स ट्रूली' में अपनी पत्नी संग नजर आएंगे महेश भट्ट, शूटिंग पूरी होने पर शेयर की तस्वीर

सलदान्हा ने कहा, 'चार दशक पहले हमारा एक पड़ोसी था, जिसने अपने बरामदे में इसे लगाया हुआ था, लेकिन पांच फीट की ऊंचाई होने पर वह इसे प्रबंधित नहीं कर सका। यह पेड़ पहले से ही बहुत लंबा था। उसने उन्हें केवल 250 रुपये (4 डॉलर) में इसे बेच दिया। जो 1970 के दशक में किसी क्रिसमस ट्री को खरीदने के लिए काफी महंगा था। उन्होंने पेड़ की ओर इशारा करते हुए कहा कि पेड़ सीधा बादलों की तरफ बढ़ रहा था, इसकी सबसे छोटी शाखा लगभग 12 फीट तक फैली हुई थी।'

और पढ़ें: दुखी राबड़ी बोलीं- लालू बिहार की जनता की ताकत

आज न केवल यह पेड़ मुंबई का सबसे बड़ा और सबसे अच्छा पेड़ है बल्कि पूरे भारत में अपनी पहचान बना चुका है।

डगलस ने कहा कि उनके प्रिय पिताजी 87 वर्ष की आयु में इस साल मार्च में शांतिपूर्वक चले गए और अपने पीछे 83 वर्षीय विधवा ग्रेस और अपने बेटे को पेड़ का पोषण करने के लिए छोड़ गए।

इस वर्ष, उन्होंने अपने पिता की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए पेड़ को सजाने पर एक लाख रुपये खर्च किए हैं। सलदान्हा एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में वित्तीय सलाहकार तौर कार्यरत हैं। 

और पढ़ें: ट्रिपल तलाक पर केंद्र के बिल को AIMPLB ने किया खारिज