मुंबई के 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' इंस्पेक्टर प्रदीप शर्मा ने दिया इस्तीफा, जानिए क्या है वजह
प्रदीप शर्मा के बारे में बताया जाता है कि उन्होंने अपने 35 साल के कार्यकाल में 100 से भी ज्यादा खूंखार अपराधियों के एनकाउंटर किए हैं.
highlights
- मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा का इस्तीफा
- एनकाउंटर स्पेशलिस्ट 2020 में होते रिटायर
- 35 सालों में किया 100 से भी ज्यादा एनकाउंटर
नई दिल्ली:
Pradeep Sharma Resign from Mumbai Police: मुंबई पुलिस में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से जाने जाने वाले प्रदीप शर्मा किसी परिचय के मोहताज नहीं है उनका काम उनके नाम की तरह ही मशहूर है. पुलिस डिपार्टमेंट में अपने काम के दम पर अपनी अलग छवि रखने वाले प्रदीप शर्मा ठाणे पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी एक्सटार्शन सेल के प्रभारी थे. प्रदीप शर्मा के बारे में बताया जाता है कि उन्होंने अपने 35 साल के कार्यकाल में 100 से भी ज्यादा खूंखार अपराधियों के एनकाउंटर किए हैं. प्रदीप शर्मा को साल 2020 में सेवानिवृत होना था लेकिन इन्होंने एक साल पहले ही नौकरी से इस्तीफा दे दिया. शर्मा ने अपना इस्तीफा महाराष्ट्र पुलिस महानिदेशक को 4 जुलाई को दिया था जो अब जाकर स्वीकार किया गया.
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एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे प्रदीप शर्मा ने मीडिया को बताया कि यह इस्तीफा उन्होंने अपने व्यक्तिगत कारणों से दिया है. लेकिन वहीं मीडिया में आईँ खबरों की मानें तो प्रदीप आने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में चुनाव में उतर सकते हैं कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि वो मुंबई के अंधेरी से चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि वो किस राजनीतिक पार्टी का दामन थामेंगे.
मीडिया रिपोर्टों की मानें तो प्रदीप साल 2014 में ही राजनीति में कदम रखना चाहते थे लेकिन उनको उस समय किसी भी राजनीतिक पार्टी से टिकट नहीं मिला जिसकी वजह से वो चुनाव नहीं लड़ सके. प्रदीप शर्मा को महाराष्ट्र सरकार ने कथित गैंग्सटर लखन भैय्या के एनकाउंटर मामले में बर्खास्त कर दिया था. आपको बता दें कि साल 2006 में लखन भैय्या को मुंबई पुलिस ने संदेह के आधार पर उठाया था कि वो छोटा राजन गैंग के लिए काम करता था. लखन भैय्या मुंबई के वसई का निवासी था. 1 नवंबर 2006 को ही लखन भैय्या को मुंबई के वर्सोवा इलाके में एनकाउंटर कर दिया गया था.
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इस मामले में मैजेस्ट्रियल जांच हुई जिसमें पाया गया था कि लखन को प्वाइंट ब्लैंक रेंज से मारा गया था, एक स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने इस मामले में प्रदीप शर्मा समेत 22 लोगों को गिरफ्तार किया था. लेकिन साल 2013 में मुंबई की एक अदालत ने इस मामले में उन्हें बरी कर दिया था. साल 2017 में ठाणे पुलिस क्राइम ब्रांच के एंटी एक्सटॉर्शन सेल के प्रमुख के रूप में अपनी बहाली के बाद, शर्मा ने दो महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां कीं जिनमें दाउद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को जबरन वसूली के आरोप में और सोनू योगानंद जालान जो एक बुकी था.
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