प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 जून को महाराष्ट्र राजभवन में बनाए गए भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दिग्गजों को समर्पित संग्रहालय, देश की पहली भूमिगत क्रांतिकारियों की गैलरी का उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री मुंबई में राजभवन में जल भूषण भवन और क्रांतिकारियों की गैलरी का उद्घाटन करेंगे। जल भूषण 1885 से महाराष्ट्र के राज्यपाल का आधिकारिक निवास रहा है। इस भवन का जीवनकाल पूरा करने पर, इसे ध्वस्त कर दिया गया और इसके स्थान पर एक नया भवन स्वीकृत किया गया। नए भवन की आधारशिला अगस्त, 2019 में राष्ट्रपति द्वारा रखी गई थी। पुराने भवन की सभी विशिष्ट विशेषताओं को नवनिर्मित भवन में संरक्षित किया गया है।
2016 में, महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल विद्यासागर राव को राजभवन में एक बंकर मिला था। इसका उपयोग पहले अंग्रेजों द्वारा हथियारों और गोला-बारूद के गुप्त भंडारण के रूप में किया जाता था। बंकर को 2019 में पुनर्निर्मित किया गया था। महाराष्ट्र के स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों के योगदान को यादगार बनाने के लिए गैलरी को बंकर में अपनी तरह के एक संग्रहालय के रूप में विकसित किया गया है।
बाद में, वर्तमान राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने डॉ. विक्रम संपत (इतिहासकार) के मार्गदर्शन में और दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर की मदद से क्रांतिकारियों की गैलरी की स्थापना का निरीक्षण किया।
पहले चरण में, संग्रहालय में वासुदेव बलवंत फड़के, दामोदर हरि चापेकर और विष्णु हरि चापेकर (चापेकर ब्रदर्स), लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, सावरकर ब्रदर्स - विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) और गणेश दामोदर सावरकर (बाबाराव सावरकर) जैसे विद्रोही शामिल किए गए हैं। इसके अलावा पहले चरण में अनंत लक्ष्मण कान्हेरे, विष्णु गणेश पिंगले, वासुदेव बलवंत गोगटे, क्रांतिगुरु लहूजी राघोजी साल्वे, भीकाईजी रुस्तम कामा (मैडम कामा), शिवरन एच. राजगुरु, देश के पहले सशस्त्र सेनानी संगठन अभिनव भारत, पत्री सरकार आदि भी शामिल किए गए हैं।
राजभवन के अधिकारियों ने कहा कि इन शूरवीरों के अलावा सैकड़ों अन्य ज्ञात और अज्ञात नाम भी होंगे, जो संग्रहालय में इसके बाद के चरणों में शामिल होंगे, जिसमें 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर 1947 में भारत की स्वतंत्रता तक 90 साल की संपूर्ण क्रांति गाथा, को दर्शाया जाएगा।
आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में राज्यपाल के अलावा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता, अन्य मंत्री और शीर्ष अधिकारी मौजूद रहेंगे।
गैलरी में स्वतंत्रता नायकों, स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका, प्रतिमाएं, दुर्लभ तस्वीरें, भित्ति चित्र और यहां तक कि स्कूली बच्चों द्वारा तैयार किए गए आदिवासी क्रांतिकारियों के बारे में जानकारी भी शामिल की गई है।
डिस्पले पर सामग्री राज्य अभिलेखागार विभाग, एशियाटिक सोसाइटी, केसरी अभिलेखागार, सावरकर संग्रहालय, आदि से प्राप्त की गई है और इसमें बंकरों के भूमिगत हॉल में छत्रपति शिवाजी महाराज के ऐतिहासिक राज्याभिषेक का एक ²श्य भी शामिल है।
पीएम मोदी नवनिर्मित जलभूषण का भी उद्घाटन करेंगे, जिसमें राज्यपाल का कार्यालय और निवास है। इस दौरान वह राजभवन में ऐतिहासिक श्रीगुंडी मंदिर में प्रार्थना करेंगे।
बंकर की खोज के तुरंत बाद, सरकार ने भूमिगत संरचना के संरक्षण का आदेश दिया था, जिसे लगातार पानी के रिसाव के साथ एक सदी से अधिक समय तक उपेक्षित किया गया था, जिससे इसके ऊपर खड़ी जलभूषण इमारत वास्तुशिल्प रूप से असुरक्षित हो गई थी।
एक अधिकारी ने कहा, ऐतिहासिक इमारत की सुरक्षा से समझौता किए बिना बंकर को संरक्षित किया गया है, जो कि राजभवन की विरासत है और राज्यपाल का निवास और कार्यालय, जलभूषण इसके ऊपर स्थित है।
भूमिगत बंकर का एक संरचनात्मक ऑडिट की गई और फिर इसे विशेषज्ञ टीमों द्वारा मजबूत किया गया। - इसमें विभिन्न आकारों के 13 कमरे और एक भव्य 20-फीट लंबा प्रवेश द्वार भी है। इसकी एक किले जैसी संरचना है, जिसमें बंदूकें अंदर ले जाने के लिए एक लंबी रैंप भी शामिल थी।
बंकर के सैल को शेल स्टोर, गन शेल, काटिर्र्ज स्टोर, शेल लिफ्ट, सेंट्रल आर्टिलरी रूम, वर्कशॉप आदि के नाम से जाना जाता था, इसमें उचित जल निकासी व्यवस्था, स्वच्छ हवा और रात में इसे रोशन करने के लिए अलग-अलग जगहों पर प्राकृतिक प्रकाश की व्यवस्था भी होती थी।
संरक्षणवादियों ने बंकर के जीर्णोद्धार के साथ-साथ अब उस स्थान पर सभी मूल विशेषताओं को संरक्षित करने का भी पूरा ध्यान रखा है।
संयोग से, 18 अगस्त, 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बंकर में एक आभासी वास्तविकता संग्रहालय (वर्चुअल रियल्टी म्यूजियम) का उद्घाटन किया था, लेकिन कई अन्य कमरे खाली थे और अब ये क्रांति सागा गैलरी के लिए उपयोग किए जा रहे हैं।
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Source : IANS