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अरन्या जौहर
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अरन्या जौहर
आये दिन महिलाओं को लैंगिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है। अक्सर महिलाओं को कई प्रकार की हिदायतें दी जाती है। रात में देर तक बाहर न रहना, छोटे कपड़े न पहनना आदि।
न सिर्फ महिलाओं को उनके पहनने को लेकर बल्कि उनके बोलचाल के तरीके को लेकर भी उन्हें हिदायतें दी जाती है। अपनी कविताओं के माध्यम से इन सब के खिलाफ आवाज उठा रही है 18 साल की अरन्या जौहर। अपनी कविताओं के माध्यम से वह महिलाओं को सशक्त कर रही है।
अरन्या जौहर की महिला दिवस पर दी गई 'अ ब्राउन गर्ल्स गाइड टू जेंडर' परफॉरमेंस वायरल हो गई है। यह परफॉरमेंस उन्होंने मुंबई के ट्यूनिंग फोर्क कैफ़े में कविता सम्मलेन के दौरान दी थी।
यूट्यूब पर कुछ ही दिनों में ही इस वीडियो को 4,80,372 लोगों ने देख लिया है।अरन्या की यह कविता समाज के दोहरे चेहरे और महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के बारे में बताती है।
'अ ब्राउन गर्ल्स गाइड टू जेंडर' कविता उन सब महिलाओं के लिए काव्यात्मक मार्गदर्शक है जो ये समझने में नाकाम हो गई कि आखिरकार हमारे देश में महिलाओं और पुरूषों में भेदभाव क्यों है?
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लीलावती बाई पोदार हाई स्कूल में बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली अरान्या जौहर अपनी कविताओं के लिए पहचानी जाती है। आरण्य मेन्टल हेल्थ के बारे में पैशनेट है। अपनी कविताओं से वह लोगों से अपने विचार साझा करती है।
पोएट्री नाईट के लिए 5 साल पहले 13 वर्षीय अरन्या अपनी मां और भाई के साथ आई बार में गई थी। उस समय उन्होंने चुपके से आयोजकों को समझाने की कोशिश करी कि वह बार में पीने नहीं आयी है।
आज अरन्या जौहर शहर भर में ओपन-माइक इवेंट करती है। आरण्य अनुभव और दर्द को बेहद खूबसूरती से अपनी कविताओं में उतारती है।
जौहर ने कहा, 'मैं आगे डिग्री कॉलेज से मनोविज्ञान या साहित्य करना चाहूंगी। मुझे लगता है कि हम मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को अनदेखा करते हैं।
कविता एक बातचीत शुरू करने का तरीका है।'
जौहर शहर में 'थ्रोबैक' नाम के इवेंट की सह-संपादक है। इस इवेंट में जौहर ने दूसरे कवियों को उनके द्वारा पहली बार लिखी गई कविताओं को पढ़ने के लिए कहा था। अरन्या के मुताबिक ऐसा करने से वह पहली लिखी गई कवितओं में अपने विचार और लेख का विकास देख सकेंगे।
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Source : News Nation Bureau