logo-image

मुंबई: आरे के जंगल पर सियासी घमासान शुरू, शिवसेना-बीजेपी आमने-सामने

महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार जहां विकास के लिए पेड़ काटे जाने को जायज बता रही हैं, वहीं उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना मेट्रो के लिए पेड़ काटे जाने के विरोध में हैं.

Updated on: 05 Oct 2019, 06:09 PM

नई दिल्ली:

मुंबई मेट्रो के लिए आरे में पेड़ों की कटाई धीरे-धीरे सियासी रूप लेने लगा है. महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार जहां विकास के लिए पेड़ काटे जाने को जायज बता रही हैं, वहीं उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना (Shiv Sena) मेट्रो के लिए पेड़ काटे जाने के विरोध में हैं. आरे में पेड़ काटे जाने के विरोध में शिवसेना (Shiv Sena) नेता आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया. जिसके बाद शिवसेना (Shiv Sena) नेता प्रियंका चतुर्वेदी खुद आरे कॉलोनी पहुंच गई. लोग वहां विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. जिसके बाद पुलिस ने प्रियंका चतुर्वेदी को हिरासत में लिया गया. इसके साथ ही 29 लोगों को न्यायिक हिरासत में लिया गया है. फिलहाल इलाके में धारा 144 लागू कर दिया गया.

आरे में पेड़(aarey forest) काटने को लेकर हो रहे हंगामे के बीच केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर(Prakash Javadekar) ने कहा, मजबूरी में पेड़ काटे जाते हैं तो उसकी भरपाई भी की जाती है.जावडेकर ने कहा कि यूं भी बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरे को जंगल नहीं माना है. उन्होंने दिल्ली मेट्रो के पहले स्टेशन के निर्माण के वक्त इसी तरह के विरोध की याद दिलाते हुए कहा कि पेड़ सिर्फ काटे ही नहीं जाते हैं, लगाए भी जाते हैं.

पर्यावरण मंत्री ने कहा, 'बॉम्बे हाई कोर्ट ने आदेश में कहा है कि यह जंगल नहीं है. पहला दिल्ली मेट्रो स्टेशन बनाने के लिए भी 20-25 पेड़ काटे जाने थे. लोगों ने तब भी विरोध किया था, लेकिन काटे गए हरेक पेड़ के बदले पांच पौधे लगाए गए थे.'

और पढ़ें:बॉम्बे हाइकोर्ट ने आरे पेड़ कटाई पर तुरंत सुनवाई से किया इंकार, 29 लोग हिरासत में

वहीं शिवसेना (Shiv Sena) प्रमुख उद्धव ठाकरे(Uddhav Thackeray) ने कहा कि मेरे लिए आरे कॉलोनी सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है. मैं विस्तृत और गहन जानकारी ले रहा हूं कि स्थिति क्या है. महाराष्ट्र में हमारी सरकार आने वाली है. अगर हमारी सरकार एक बार फिर से सत्ता में आती है तो हम तय करेंगे कि पेड़ों के खूनियों का क्या करना है.

दरअसल बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरे कॉलोनी को जंगल घोषित करने की सभी याचिकाएं खारिज कर दी है. जिसके बाद वहां पेड़ काटने का काम शुरू हो गया. आरे इलाके में मेट्रो शेड बनाना है. इसके लिए वहां के जंगलों के 2700 पेड़ काटे जाने हैं. पेड़ काटे जाने की खबर सुनकर वहां लोग पहुंच गए और चिपको आंदोलन की तर्ज पर प्रोटेस्ट शुरू कर दिए. मेट्रो रेल साइट पर जमकर नारेबाजी हुई. इसका विरोध स्थानीय लोग और सेलेब्स कर रहे हैं.