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यूपी विधानसभा चुनाव: उल्टा पड़ा दांव, मुलायम को छोड़ अखिलेश के समर्थन में उतरे ज्यादातर विधायक

समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी विधायकों की बैठक बुलाकर अपनी रणनीति साफ कर दी है।

Updated on: 31 Dec 2016, 11:41 AM

highlights

  • पार्टी पर नियंत्रण को लेकर अखिलेश यादव अब मुलायम सिंह यादव पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं
  • अखिलेश की बैठक में 200 से अधिक विधायक वहीं मुलायम सिंह की बैठक में महज 11 विधायक पहुंचे

New Delhi:

समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी विधायकों की बैठक बुलाकर अपनी रणनीति साफ कर दी है।

बैठक में शामिल विधायकों की संख्या को देखकर कहा जा सकता है अब अखिलेश अपने पिता मुलायम पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। अखिलेश की बैठक में पार्टी के 190 विधायक और 40 विधान पार्षद शामिल हैं। वहीं मुलायम सिंह यादव की बैठक में 11 विधायकों के अलावा 67 उम्मीदवार पहुंचे हैं।

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पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को कुल 229 सीटें मिली थीं। जिसमें से करीब 200 से अधिक विधायकों ने अखिलेश के पक्ष में अपना समर्थन दिया है। वहीं अनुशासनहीनता के आरोप में मुलायम सिंह ने अपने बेटे अखिलेश यादव और भाई रामगोपाल यादव को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया था।

शुक्रवार को मुलायम सिंह ने कहा था, 'मैं अकेले पार्टी बनाई। इसमें अखिलेश और रामगोपाल का क्या योगदान है? वह दोनों पार्टी को बर्बाद कर रहे हैं। पार्टी को बचाने के लिए हमने रामगोपाल और अखिलेश यादव को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर निकाल दिया है। पार्टी प्रमुख के अलावा किसी अन्य को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का अधिकार नहीं है। और ऐसा करके आपने (अखिलेश और रामगोपाल) ने पार्टी के हितों का नुकसान किया है। मैं अब यह तय करुंगा कि पार्टी का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।'

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पार्टी से निकाले जाने के बाद अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देकर अपनी मंशा जता दी थी। पार्टी से बाहर किए जाने के तत्काल बाद अखिलेश ने अपने कोर ग्रुप की बैठक बुलाई थी। बैठक में मुलायम सिंह की तरफ से संसदीय बोर्ड की बैठक से पहले पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाने का फैसला लिया गया।

शनिवार सुबह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आधिकारिक निवास पर होने वाली बैठक पर सभी की नजरें थीं। बैठक में शामिल विधायकों की संख्या से ही यह तय होना था कि मुलायम-शिवपाल बनाम अखिलेश-रामगोपाल की लड़ाई में किसका पलड़ा भारी पड़ता है।

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अखिलेश की बैठक में शामिल विधायकों की संख्या को देखकर कहा जा सकता है कि अब सपा के विधायक मुलायम सिंह को छोड़कर अखिलेश के पाले में जा चुके हैं।