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बंगाल बीजेपी को मुकुल देंगे झटका, बीजेपी एमएलए-एमपी टीएमसी के संपर्क में

खबर है कि मुकुल रॉय (Mukul Roy) लगातार बंगाल बीजेपी के विधायकों और सांसदों के संपर्क में हैं और उनकी जल्‍द ही घर वापसी हो सकती है.

Updated on: 17 Jun 2021, 08:10 AM

highlights

  • बीजेपी के 25 विधायक और दो सांसदों के पाला बदलने की चर्चा
  • मुकुल रॉय और उनके बेटे हैं बीजेपी नेताओं के लगातार संपर्क में
  • टूट रोकने भाजपा ने भी अपने नेताओं पर बनाई मजबूत पकड़

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल (West Bengal) विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद भी सूबे की राजनीति नित नई करवट ले रही है. ममता बनर्जी के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के ऐन बाद बंगाल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दिग्गज नेता मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस में वापस चले गए. अब इस बात की चर्चा तेज है कि बीजेपी के कई और विधायक और नेता बहुत जल्‍द टीएमसी का हाथ थाम सकते हैं. खबर है कि मुकुल रॉय (Mukul Roy) लगातार बंगाल बीजेपी के विधायकों और सांसदों के संपर्क में हैं और उनकी जल्‍द ही घर वापसी हो सकती है. इनमें से ज्‍यादातर नेता ऐसे हैं जिन्‍हें मुकुल रॉय ही बीजेपी में रहते हुए तृणमूल कांग्रेस से लेकर आए थे. अगर सूत्रों की मानें तो बीजेपी के 25 विधायक और दो सांसद पाला बदल सकते हैं.

मुकुल रॉय जो दिया, वह वापस लेने के तैयार
सूत्रों की मानें तो मुकुल रॉय ने खुद कहा है कि वह अभी भी भाजपा नेताओं से फोन पर बात कर रहे हैं और बहुत जल्‍द टीएमसी में कई बीजेपी नेता शामिल हो सकते हैं. गौरतलब है कि 2017 में तृणमूल से भाजपा में शामिल हुए मुकुल रॉय अपने बेटे शुभ्रांग्‍शु के साथ वापस टीएमसी में शामिल हो चुके हैं. मुकुल रॉय के वापस तृणमूल कांग्रेस में आने पर राज्‍य की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्‍हें पार्टी में जल्‍द ही कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी.

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बीजेपी को जवाब देने की जुगत में मुकुल रॉय एंड कंपनी
इस पूरे घटनाक्रम पर मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांग्‍शु ने बताया कि भाजपा के कम से कम 25 विधायक और 2 सांसद तृणमूल कांग्रेस में जल्‍द ही शामिल हो सकते हैं. उन्‍होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने जो किया उसका जवाब देने का वक्‍त अब आ गया है. उन्‍होंने कहा कि बीजेपी में जाने के बाद से ही उनके पिता मुकुल रॉय पर काफी दबाव था. इस दबाव के चलते ही उनके पिता की सेहत कमजोर हो गई. उन्होंने अपनी बिगड़ी सेहत के चलते ही विधानसभा चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया, जबकि वे पहले ऐसा करते रहे थे.

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भाजपा की अपने नेताओं पर है नजर
बीजेपी के 25 विधायक और 2 सांसदों के तृणमूल कांग्रेस में जाने की खबर के बाद से ही बीजेपी लगातार अपने नेताओं के संपर्क में है. भाजपा की कोशिश है कि उसके नेता पार्टी छोड़कर किसी भी दूसरे दल में शामिल न हों. यही कारण है कि सभी विधायकों और नेताओं पर लगातार नजर रखी जा रही है. उन विधायकों पर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है जो पिछले कुछ समय से पार्टी से कटते दिख रहे हैं. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की मौजूदगी में राजभवन में 25 विधायकों की गैरमौजूदगी को भी भाजपा ने गंभीरता से लिया है.