logo-image

मुख्तार अंसारी मामलाः UP Govt. की अर्जी पर पंजाब सरकार को SC की फटकार

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि पंजाब सरकार मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश भेजने का विरोध कर रही है. पंजाब सरकार का कहना है कि मुख्तार अंसारी डिप्रेशन का शिकार है और वो कहता है कि वो स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से है.

Updated on: 08 Feb 2021, 05:00 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को लगाई लताड़
  • मुख्तार अंसारी डिप्रेशन का शिकारः पंजाब सरकार
  • सुप्रीम कोर्ट ने 24 फरवरी तक टाली मुख्तार की सुनवाई

नई दिल्ली:

बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की कस्टडी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका पर सोमवार को सर्वोच्च न्यायाल में सुनवायी हो रही है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को जमकर लताड़ लगाई है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि पंजाब सरकार मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश भेजने का विरोध कर रही है. पंजाब सरकार का कहना है कि मुख्तार अंसारी डिप्रेशन का शिकार है और वो कहता है कि वो स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से है. हकीकत में वो गैंगस्टर है और उसने पंजाब में केस के लिए ज़मानत इसलिए नहीं लगाई क्योंकि वो वहां की जेल में खुश है.

आपको बता दें कि पंजाब सरकार के वकील मुकुल रोहतगी ने बताया कि हमने उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी मामलों को पंजाब ट्रांसफर करने की मांग की  है.  वहीं SG तुषार मेहता ने मुकुल रोहतगी की इस बात का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में दर्ज मामले अलग हैं और ये मामले कहीं ज्यादा गंभीर हैं. पंजाब में इन गंभीर मामलों की सुनवाई एक साथ नहीं हो सकती है. तुषार मेहता ने आगे कहा कि ये एक गम्भीर मामला है कि एक अपराधी अपने खिलाफ एक FIR दर्ज करवा लेता है और फिर उसके बाद वो जानबूझकर कर ज़मानत अर्जी दाखिल नहीं करता वो तो जेल में मौज कर रहा है. 

24 फरवरी तक टली मुख्तार अंसारी मामले की सुनवाई
सॉलिसिटर जनलर तुषार मेहता ने आगे बताया कि ये बात समझ से परे है कि  कैसे पंजाब सरकार एक अपराधी को इस तरह से समर्थन कर रही है. फिलहाल मुख्तार अंसारी मामले में सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने अगले 24 फरवरी तक के लिए टाल दी है. आपको बता देंं कि इसके पहले पंजाब सरकार ने राज्य की रूपनगर जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपने से इनकार कर दिया है. पंजाब सरकार ने मुख्तार अंसारी की खराब सेहत का हवाला देकर उसे उत्तर प्रदेश में शिफ्ट करने की अनुमति नहीं दी है. इसको लेकर पंजाब सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में भी हलफनामा दाखिल किया गया है.

गाजीपुर पुलिस को पंजाब सरकार ने लौटाया था खाली हाथ 
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट का नोटिस लेकर बीएसपी विधायक मुख्तार अंसारी को यूपी लाने पहुंची गाजीपुर पुलिस को पंजाब की रोपड़ पुलिस ने खाली हाथ वापस भेज दिया था. अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट को आधार बनाकर रोपड़ जेल के अधीक्षक ने उसे गाजीपुर पुलिस को सौंपने से इनकार कर दिया था. यूपी पुलिस द्वारा लाए गए सुप्रीम कोर्ट का नोटिस लेने के बाद रोपड़ जेल अधीक्षक ने इसका जवाब सर्वोच्च अदालत में दाखिल करने की बात कही थी और गाजीपुर पुलिस को वापस भेज दिया था.