बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा रद्द होने पर राजनीति गरमाई
बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा रद्द होने पर राजनीति गरमाई
पटना:
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा रद्द होने के बाद इस पर सियासत शुरू हो गई है। वहीं पूरे मामले की जांच का जिम्मा आर्थिक अपराध इकाई को सौंपा गया है।बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा रविवार को दोपहर 12 बजे से होनी थी। आरोप लगाया गया कि इससे पहले ही प्रश्न पत्र वायरल हो गया। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद आयोग ने तीन सदस्यीय एक टीम का गठन कर जांच रिपोर्ट तीन घंटे के अंदर देने का निर्देश दिया। आयोग द्वारा गठित समिति के रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने परीक्षा रद्द करने की घोषणा कर दी।
इसके बाद, अब विपक्ष इसे लेकर सरकार पर निशाना साध रही है। विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर एकाउंट से ट्वीट कर लिखा, बिहार के करोड़ों युवाओं और अभ्यर्थियों का जीवन बर्बाद करने वाले बिहार लोक सेवा आयोग का नाम बदलकर अब कुछ और कर देना चाहिए।
इधर, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने परीक्षा में पेपर लीक होने पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
उन्होंने कहा कि रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणी (एनटीपीसी) की परीक्षा को लेकर हुई गड़बड़ी से छात्र उबर भी नहीं पाए थे कि आज सरकार ने बिहार लोक सेवा आयोग की 67 वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा में पेपर लीक हो गया जो छात्रों के भविष्य के लिए नीम पर करैला साबित हुआ।
उन्होंने कहा कि भले ही इस पेपर लीक के बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया, लेकिन उन छात्रों का इस प्रकरण में क्या दोष, जो परीक्षा की तैयारी कर परीक्षा केंद्र पहुंचे थे।
पूर्व मंत्री ने कहा कि लाखों बच्चों की सालों की जी तोड़ मेहनत, त्याग, कष्ट, उम्मीदें, सपने, सैंकड़ों किलोमीटर दूर केंद्र तक की यात्रा, कोचिंग-किताबों का खर्च पर आज बीपीएससी के अध्यक्ष के गैर जिम्मेदार रवैया ने पानी फेर दिया।
वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने भी कहा कि छात्र जब अपनी मांग को लेकर सड़क पर उतरते हैं तो सरकार लाठी चार्ज करवाती है, आज तो लाखों बच्चों का भविष्य सरकार ने दांव पर लगा दिया, सरकार अब क्या करेगी? उन्होंने मांग किया कि इस मामले में जो भी दोषी हों उस पर कड़ी कार्रवाई हो।
इधर, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सोमवार को राजद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिनके शासनकाल में बीपीएससी सीएम हाउस की कठपुतली बन गई थी, रिजल्ट सेटिंग के कारण बीपीएससी अध्यक्ष तक को जेल जाना पड़ा आज वही लोग सरकार के काम-काज पर सवाल उठा रहे हैं!
उन्होंने कहा कि पेपर लीक मामले पर सरकार कारवाई कर रही है, युवाओं के भविष्य से खेलने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे कोई हो।
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