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अब मुगलसराय नहीं, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के नाम से जाना जाएगा स्टेशन, आज से होगी औपचारिक शुरुआत

सन् 1862 में दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग बनाए जाते समय मुगलसराय रेलवे स्टेशन वजूद में आया था। यह स्टेशन अब एकात्म मानवतावाद के पुरोधा माने जाने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के नाम से जाना जाएगा।

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Deepak Kumar
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अब मुगलसराय नहीं, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के नाम से जाना जाएगा स्टेशन, आज से होगी औपचारिक शुरुआत

मुगलसराय जंक्शन आज से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के नाम से जाना जाएगा

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मुगलसराय जंक्शन आज से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के नाम से जाना जाएगा। रविवार को मुगलसराय जंक्शन पर इस उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम रखा गया है। इस मौक़े पर रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal), सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath), बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) और रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) भी मौजूद होंगे।

बताया जा रहा है कि रविवार को ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (deen dayal upadhyaya Junction) से एकात्मता एक्सप्रेस (14261/62 ) नाम की एक नई ट्रेन का शुभारंभ किया जाएगा। इसके अलावा देश में पहली बार महिलाकर्मियों द्वारा संचालित मालगाड़ी के परिचालन का शुभारंभ किया जाएगा।  

बता दें कि सन् 1862 में दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग बनाए जाते समय मुगलसराय रेलवे स्टेशन वजूद में आया था। यह स्टेशन अब एकात्म मानवतावाद के पुरोधा माने जाने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के नाम से जाना जाएगा।

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पहले ही मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन करने की घोषणा हुई थी।

अधिकारियों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से पहले भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने शासनकाल के दौरान इस स्टेशन का नाम बदलने का प्रयास किया था लेकिन सरकार की यह योजना परवान नहीं चढ़ पाई थी।

दीनदयाल का मुगलसराय स्टेशन से यह है इतिहास

सन् 1968 में कानपुर से पटना के सफर पर निकले पंडित दीनदयाल उपाध्याय का मृत शरीर मुगलसराय स्टेशन पर रेलवे यार्ड में पाया गया था। उस समय हालांकि उनकी शिनाख्त नहीं हो पाई थी। बाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तरफ से कई बार इस स्टेशन का नाम बदलकर 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन' करने की मांग उठती रही है।

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उम्मीद की जानी चाहिए कि 'मॉब लिंचिंग' में रुचि रखने वालों को इस स्टेशन से गुजरते हुए उपाध्यायजी का एकात्म मानवतावाद याद आता रहेगा।

Source : News Nation Bureau

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