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बदल गया मुगलसराय जंक्शन का नाम, सिर्फ नाम ही नहीं यह चीजें भी होंगी नई

उत्तर-प्रदेश के मुगलसराय जंक्शन का नाम आज से बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन हो गया है।

Updated on: 05 Aug 2018, 04:56 PM

नई दिल्ली:

उत्तर-प्रदेश के मुगलसराय जंक्शन का नाम आज से बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन हो गया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की उपस्थिती में आज (रविवार) बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रिबन काटकर इसकी औपचारिक शुरुआत की। इस मौके पर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) भी मौजूद रहे।

इस मौके पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (deen dayal upadhyaya Junction) से एकात्मता एक्सप्रेस (14261/62 ) का शुभारंभ किया गया।

इतना ही नहीं इस मौके पर देश में पहली बार महिलाकर्मियों की ओर से संचालित मालगाड़ी का भी शुभारंभ किया गया।

बता दें कि मुगलसराय रेलवे स्टेशन का निर्माण सन् 1862 में दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग के साथ ही हुआ था। जिसका नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन हो गया है।

अमित शाह के भाषण की बड़ी बातें

इस मौके पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज जिस स्थान पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की हत्या हुई थी उसी स्थान पर मुगलसराय का नाम नाम बदलकर उनके नाम से जोड़ दिया गया है।

उन्होंने कहा कि यह भूमि लाल बहादुर शास्त्री और दीनदयाल उपाध्याय के साथ जुड़ी है जो बहुत बड़ी बात है। मोदी जी के नेतृत्व में पंडित जी का स्मारक बन रहा है।

शाह ने कहा कि पीएम मोदी के कार्यकाल में पूर्वांचल का विकास न चाहने वालों को बड़ा झटका लगा है क्योंकि हमने पूर्वांचल को उतना पैसा दिया है जितना की पिछले 70 सालों में नहीं दिया गया। UPA की सरकार ने 0 साल में मात्र 3 लाख 30 हजार करोड़ दिया था भारत सरकार ने 4 साल में ही 8 लाख 40 हजार करोड़ देने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकालने के लिए कदम बढ़ाया तो सारा विपक्ष इकट्ठा होकर इसे रोकना चाह रहा है। मैं राहुल और अखिलेश से पूछता हूं कि क्या घुसपैठियों को देश से बाहर नहीं निकालना चाहिए।

दीनदयाल का मुगलसराय स्टेशन से यह है इतिहास

सन् 1968 में कानपुर से पटना के सफर पर निकले पंडित दीनदयाल उपाध्याय का मृत शरीर मुगलसराय स्टेशन पर रेलवे यार्ड में पाया गया था। उस समय हालांकि उनकी शिनाख्त नहीं हो पाई थी। बाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तरफ से कई बार इस स्टेशन का नाम बदलकर 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन' करने की मांग उठती रही है।