नीतीश को पीएम मैटेरियल बताना जदयू की मजबूरी!
नीतीश को पीएम मैटेरियल बताना जदयू की मजबूरी!
पटना:
बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अलावे दो अन्य छोटी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार चला रही जनता दल (युनाइटेड) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताकर राज्य की सियासत में एकबार फिर से हलचल मचा दी है। वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि जदयू के लिए नीतीश कुमार का नाम सामने लाना एक मजबूरी है, क्योंकि जदयू के पास नीतीश के अलावे कोई ऐसा चेहरा नहीं है, जिसकी पहचान देश भर में हो।जदयू की रविवार को हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी को राष्ट्रीय दल बनाने को लेकर प्रस्ताव पास किया गया है, ऐसे में जदयू की नजर अब अन्य राज्यों में है। जदयू इस कोशिश में लगी है कि अब बिहार से बाहर निकलकर देशभर में अपनी स्थिति को मजबूत किया जाए।
जदयू पहले भी कई अन्य राज्यों में चुनाव लड चुकी है, लेकिन उसे आशातीत सफलता नहीं मिली है। जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह पहले ही कह चुके हैं कि पार्टी उत्तार प्रदेश और मणिपुर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि जदयू उत्तर प्रदेश में राजग के घटक दल के रुप में चुनाव लड़ना चाहता है, लेकिन अगर गठबंधन को लेकर बात नहीं बनी तो अकेले भी मैदान में उतरने की तैयारी में है।
जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह भी मानते हैं कि पार्टी में एक ही सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार हैं। यही कारण माना जा रहा है कि पार्टी नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बता रही है लेकिन यह भी कह रही है कि राजग के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैें।
इधर, जदयू की नजर विपक्षी दलों की हाल में हुई बैठक पर भी है। कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कई विरोधी दल के नेताओं की बैठक हुई थी। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद जदयू नीतीश को पीएम मैटेरियल बताकर हवा दे रही है। इस बैठक से स्पष्ट है कि 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने अभी से ही तैयारी प्रारंभ कर दी है।
कुछ लोग जदयू के इस चाल को भाजपा पर दबाव बनाने की रणनीति बता रहे हैं। हालांकि भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री निखिल आनंद कहते हैं कि जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक थी और कोई भी राजनीतिक प्रस्ताव पास करना किसी भी पार्टी का अंदरूनी मामला होता है।
सभी राजनीतिक दल अपने नेताओं को लेकर महत्वकांक्षा का इजहार करते रहते हैं। किसी भी राजनीतिक दल के लिहाज से यह कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई गलत भी नहीं है। सभी पार्टियों की अपनी महत्वकांक्षा होती है।
इधर राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी भी जदयू के लिए इसे ख्बाब मानते हैं। उन्हांेने कहा कि जनता ने जदयू को बिहार में तीन नंबर की पार्टी बनाकर नीतीश कुमार को सीएम बनने लायक नहीं छोड़ा था और अब ख्वाब देख रहे हैं पीएम बनने की। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि वे पांच वर्ष तक मुख्यमंत्री पद पर रहेंगे या नहीं उनको इसकी चिंता करनी चाहिए।
हालांकि, नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मैटेरियल के संबंध में स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें इन चीजों में दिलचस्पी नहीं है, ना कोई रूचि है। वह सिर्फ अपना काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है।
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