आजादी के बाद से ही देश की राजनीति का केंद्रबिंदु बने अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई का अंतिम दिन है. आज हिंदू और मुस्लिम पक्ष को अपना पक्ष रखने के लिए अंतिम मौका होगा. ठीक एक माह बाद सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाएगा. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला देश के सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक मामलों में गहरा असर छोड़ने वाला होगा, इसमें कोई शक नहीं है. फैसले की घड़ी करीब आते ही अयोध्या में सुगबुगाहट बढ़ गई है. वहां धारा 144 लागू कर दिया गया है. एक अजीब सी हलचल अयोध्या में देखी जा रही है. देशी-विदेशी मीडियाकर्मियों का भी जमघट वहां लगने लगा है.
यह भी पढ़ें : पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ इस साल का सबसे बड़ा ऑपरेशन चला रही है भारतीय सेना
अयोध्या में हर तरफ सुप्रीम कोर्ट में चले रहे विवाद की ही चर्चा है. एक तरफ हिंदू पक्ष अपने पक्ष में फैसला आने का दावा कर रहा है तो मुस्लिम पक्ष भी उम्मीद लगाए बैठा है. वर्षों से भगवान राम के ही नाम से जानी जा रही अयोध्या नगरी अपने भविष्य के फैसले का इंतजार है. लोगों को लग रहा है कि कुछ बड़ा होने वाला है. इस बीच अयोध्या में राम मंदिर के प्रस्तावित मॉडल को देखने आने वालों की तादाद बढ़ गई है.
वीएचपी नेता शरद शर्मा कहते हैं कि अब फैसले की आखिरी घड़ी का इंतजार है. फैसला पक्ष में आने के बाद नक्काशी किए हुए स्तम्भों से काई और गादर साफ करने के लिए बाहर से लोगों को बुलाया जाएगा. उनका कहना है कि हमारे पक्ष में फैसला आने के बाद से मंदिर के काम में युद्धस्तर की तेजी लाई जाएगी.
यह भी पढ़ें : ICICI बैंक ने ग्राहकों को किया आगाह, ऐसा करें नहीं तो खाली हो जाएगा आपका अकाउंट
बताया जा रहा है कि मंदिर निर्माण के लिए जरूरी आधारभूत काम पहले से ही किया जा चुका है. मंदिर के पक्ष में फैसला आने पर कार्यशाला से सारे स्तम्भ और देशभर से लाई गई राम नाम वाली शिलाएं जन्मभूमि स्थल पर ले जाई जाएंगी.
दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने दिवाली की रात अयोध्या में सरयू नदी के घाटों पर साढ़े पांच लाख दीप जलाने की योजना बनाई है. योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से ही अयोध्या में दिवाली पर दीपोत्सव मनाने का सिलसिला शुरू हो गया था.
'सुप्रीम' फैसले से पहले अयोध्या में सुगबुगाहट तेज, बढ़ने लगी हलचल
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो