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कोरोना के बीच पेंच टाइगर रिजर्व में बीते साल से ज्यादा आए पर्यटक

कोरोना के बीच पेंच टाइगर रिजर्व में बीते साल से ज्यादा आए पर्यटक

Updated on: 29 Aug 2021, 10:15 AM

भोपाल:

कोरोना काल के दौरान मध्य प्रदेश के सिवनी जिले का पेंच टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए आकर्षक का केंद्र रहा। यही कारण है कि कोरोना महामारी के दौर में यहां बीते साल के मुकाबले ज्यादा पर्यटक पहुंचे।

राज्य के वन विभाग के अंतर्गत मौजूद छह टाइगर रिजर्व में से सबसे छोटा पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी में है। कोरोना जैसी महामारी के बीच वर्ष 2020-21 में 97 हजार 631 पर्यटकों ने पेंच टाइगर रिजर्व में उपस्थिति दर्ज कराई। पर्यटकों ने साढे तीन करोड़ रुपए भी शुल्क के रूप में अदा किए। इसके पहले वर्ष 2019-20 में सामान्य स्थिति में 71 हजार 339 पर्यटकों ने टाइगर क्षेत्र में अन्य जीवों को निहारने के लिए दो करोड़ 46 लाख रुपए खर्च कर राज्य शासन की आय में अपना हिस्सा दिया।

इस टाइगर रिजर्व में 64 वयस्क बाघ और 23 शावक की मौजूदगी पर्यटकों को लुभा रही है। इन बाघों के अलावा यहां तेन्दुआ, काला तेन्दुआ, गौर, भालू, साभर, चीतल नीलगाय, भेड़की जंगली सुअर, सोन कुत्ता भेडिया, लंगूर, सेही, मोर आदि वन्य जीवों की उपलब्धता पर्यटकों को टाइगर क्षेत्र में आने के लिए बाध्य करती है।

आधिकारिक जानकारी में बताया गया है कि, पेंच टाइगर रिजर्व क्षेत्र में उपलब्ध वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए 894 अमले की तैनाती की गई है। इसके साथ 158 गाईड पर्यटकों के लिए उपलब्ध हैं।

पेंच टाइगर रिजर्व तक पहुंचना आसान है। हवाई मार्ग से पेंच टाइगर पहुंचने के लिए नागपुर एअरपोर्ट निकटतम है। इसके अलावा जबलपुर एअरपोर्ट से भी पहुंचा जा सकता है। सड़क मार्ग द्वारा नागपुर से खवासा पहुंचा जा सकता है। कुल दूरी 120 किलोमीटर है। जबलपुर से पेंच का फासला 215 किलोमीटर है।

पेंच टाइगर रिजर्व जबलपुर-नागपुर राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर स्थित है। निकटतम बस स्टेंड सिवनी और खवासा है। खवासा से पार्क के दुरिया गेट पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा सुकतरा से करमाझरी गेट की दूरी 20 कि.मी. है। रेल मार्ग से निकटतम स्टेशन छिंदवाड़ा है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.