पर्यावरण पखवाड़े में लगाए गए 19 हजार से ज्यादा पेड़, हरियाली क्रांति का हुआ आह्वान
कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए एक जून से 15 जून तक पर्यावरण पखवाड़ा आयोजित किया गया. यहां पीपल बाबा ने कहा कि लगातार देश की आबादी बढ़ रही है. जिससे संसाधन कम हो रहे हैं.
नई दिल्ली:
विगत दशकों में मानव सम्पदा के विकास के साथ-साथ पर्यावरण को काफी हानि हुई है, बड़े-बड़े पर्यावरणकर्मी और वैज्ञानिक यह बात बता रहे हैं कि इसी हानि का नतीजा है कि आज पूरी पृथ्वी का संतुलन बिगड़ गया है. इस बिगड़ते संतुलन की वजह से ही मनुष्य बड़ी-बड़ी आपदाओं का शिकार हो रहा है. आये दिन भूकम्प का आना, टिड्डी दलों के हमले, अमेजन से लेकर उत्तराखंड के वनों की आग हो या फिर जंगली जानवरों का आबादी में हमला इन सभी परिस्थितियों में मानव समाज के सामने अस्तित्व के संकट के रूप में उजागर हो रही है. प्रसिद्ध पर्यावरणकर्मी पीपल बाबा ने पर्यावरण पखवाड़े में हरियाली क्रांति लाने का सुझाव दिया. कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए एक जून से 15 जून तक पर्यावरण पखवाड़ा आयोजित किया गया. यहां पीपल बाबा ने कहा कि लगातार देश की आबादी बढ़ रही है. जिससे संसाधन कम हो रहे हैं. कई विद्वान जनसंख्या नियंत्रण की मांग करते हैं लेकिन हमें हरियाली क्रांति लाने की जरूरत है.
हरियाली क्रांति लाई जाए
पीपल बाबा का कहना है कि देश में श्वेत क्रांति, हरित क्रांति की तर्ज पर हरियाली क्रांति चलाई जानी चाहिए लेकिन हरियाली क्रांति में लोक भागीदारी हो इसे लोगों के संस्कार से जोड़ा जाये. पीपल बाबा ने कहा कि मौलिक कर्तव्यों में हर नागरिक को पेड़ लगाने की बात को जोड़ा जाए. स्वच्छ पर्यावरण का मौलिक अधिकार हमें संविधान देता है और समय-समय पर संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण भी इसकी वकालत करता रहा है. हमें पर्यावरण के मामले में अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों पर ज्यादा जोर देने की जरूरत है.
सिटीजन एनवायरनमेंट रेस्पोंसिबिलिटी
CER को नागरिक के लिए अनिवार्य कर्तव्य घोषित किये जाएं. जैसे सीएसआर एक्ट-2013 के मुताबिक देश के बड़े औद्योगिक घरानों को उनके कमाई के 2% भाग को सामजिक कार्यों में खर्च करने के लिए अनिवार्य बना दिया वैसे ही देश के नागरिके लिए सिटीजन एनवायरनमेंट रिस्पांसिबिलिटी तय की जाय. कम से कम उन्हें साल भर में एक पेड़ लगाकर उनकी देखभाल की जिम्मेदारी जरूर दी जाए.
बंजर जमीनों में पेड़ लगाएं
पीपल बाबा का कहना है कि बहुत से लोग पेड़ तो लगाना चाहते हैं लेकिन उनके पास जमीन ही नहीं है. ऐसे में देश की सरकारों को बंजर जमीनों को हरियाली केंद्र के रूप में विकसित करनें के लिए खोला जाना चाहिए.
पर्यावरण पखवाड़े की अहम बातें
इस बार पर्यावरण पखवाड़े में कोरोना महामारी के होने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए काफी मात्रा में पेड़ लगाये गए. पीपल बाबा का मुख्य संकेन्द्रण दिल्ली एनसीआर रहा है. कोरोना काल में ढेर सारे लोगों नें हर साल की तरह इस साल भी अपने जन्मदिन पर पेड़ लगाये. 31 मई को मशहूर टीवी एंकर ऋचा अनिरुद्ध हर साल की तरह इस साल भी अपने जन्मदिन पर पेड़ लगाए. सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करते हुए जारी पर्यावरण पखवाड़े में 19 हजार से ज्यादे (नॉएडा के सेक्टर 115 में 6,000 हरिद्वार में 5,500 , नॉएडा के सेक्टर 50 में 5000 और लखनऊ में 2500) पेड़ लगाये गए.
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