गुजरात के शहरी विकास विभाग ने मोरबी नगर पालिका को एक नया नोटिस जारी किया है, जिसमें पूछा गया है कि इसके अधिकार को क्यों नहीं समाप्त कर दिया जाय? नगर पालिका सदस्यों ने बुधवार तक नोटिस का जवाब देने का फैसला किया है।
मोरबी नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष और लोक कल्याण विभाग समिति के वर्तमान अध्यक्ष देवाभाई अवदिया ने आईएएनएस को बताया, शनिवार को नगर पालिका को राज्य शहरी विकास विभाग की ओर से भेजी गई 47 पेज की एसआईटी रिपोर्ट मिली है और पूछा है कि अब आपके पास पुल (ब्रिज) ढहने के मामले से संबंधित दस्तावेज हैं, तो विस्तृत स्पष्टीकरण दें कि नगर पालिका के अधिकार को क्यों न समाप्त कर दिया जाए? व्यक्तिगत सदस्य या केवल अध्यक्ष या एक से अधिक सदस्य बुधवार तक स्पष्टीकरण प्रस्तुत कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछली बार जब नगर विकास परिषद ने नोटिस जारी किया था तो नगर पालिका महामंडल ने एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें कहा गया था कि झूला पुल से संबंधित दस्तावेजों के अभाव में वह जवाब नहीं दे सकते हैं।
राज्य सरकार ने 30 अक्टूबर को मच्छू नदी पर झूला पुल के गिरने की जांच के लिए पुलिस उपाधीक्षक की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। झूला पुल हादसे में 35 बच्चों सहित 132 लोग मारे गए थे।
इस संबंध में राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के समक्ष कहा है कि वह पुल गिरने के लिए मोरबी नगर पालिका को जिम्मेदार ठहराते हुए उसके अधिकार को समाप्त करेगी। इसके बाद, राज्य ने नगर पालिका को अधिक्रमण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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Source : IANS