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बच्चों से रेप करने वालों की खैर नहीं, राज्यसभा में पारित हुआ आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2018

आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2018 को आज (सोमवार) राज्यसभा में चर्चा के बाद बहुमत से पास कर दिया गया।

Updated on: 06 Aug 2018, 07:40 PM

नई दिल्ली:

आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2018 को आज (सोमवार) राज्यसभा में चर्चा के बाद बहुमत से पास कर दिया गया। इस विधेयक के तहत 12 वर्ष से कम आयु की लड़कियों के साथ रेप करने वाले दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी, जिसमें मृत्युदंड तक का प्रावधान है। 

मसौदा विधेयक के अनुसार 16 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के साथ रेप के मामले में न्यूनतम सजा को 10 वर्ष कैद से बढ़ाकर 20 वर्ष किया गया है, जो उम्रकैद तक विस्तारित हो सकती है। इसका मतलब है कि दोषी अंतिम सांस तक जेल में रहेगा।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू के जवाब के बाद राज्यसभा में आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2018 पारित हो गया। इस विधेयक के पारित होने के बाद यह सरकार की ओर से अप्रैल में लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा।

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इस विधेयक के जरिए भारतीय दंड संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम-1872, अपराध प्रक्रिया संहिता 1973 और बाल यौन अपराध सुरक्षा कानून-2012 में संशोधन किया गया है, जिसमें 16 साल से कम उम्र की महिलाओं के साथ रेप के अभियुक्तों को कम से कम 20 साल के कठोर कारावास का प्रावधान किया गया है, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है।

वहीं, 16 साल से कम उम्र की लड़की के साथ गैंगरेप के मामले में अभियुक्त को जीवन भर कारावास की सजा भुगतनी होगी। 

नए कानून में रेप के मामलों में जांच पूरी करने के लिए दो महीने की समय सीमा होगी।

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