सोमवार को लोकसभा में बहस के बाद SC/ST संशोधन विधेयक 2018 पास हो गया। विधेयक पर वोटिंग के दौरान एक भी वोट उसके खिलाफ नहीं पड़ा। सरकार ने विधेयक को पेश करते हुए कहा कि समाज के इस वर्ग को न्याय में हो रही देरी के निवारण के उद्देश्य से इसे लाया जा रहा है।
इस बिल को केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने बिल पेश किया था। SC/ST संशोधन विधेयक 2018 बिल के साथ ही SC-ST एक्ट अपने पुराने मूल स्वरूप में आ जाएगा। अब इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा जहां पास होने के बाद इस विधेयक को कानून बनाने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी ली जाएगी।
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विधेयक पर चर्चा करते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि सरकार ने 1989 के मूल कानून में 25 और अपराधों को जोड़कर इसे मजबूत बनाया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के 20 मार्च के फैसले के बाद से धारा 18 पर अंकुश लगाने वाले निर्णय हुए। जिसके बाद इस कानून को कोई अहमियत नहीं बची है।
वहीं विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) संशोधन विधेयक, 2018 पर बहस की शुरुआत करते हुए कहा, 'इस विधेयक को लाने में बहुत देरी की गई। हम विधेयक का स्वागत करते हैं और समर्थन करते हैं।'
कांग्रेस नेता ने कहा, 'पूरे देश में इसको लेकर प्रदर्शन हुए। लोग जेल गए और कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचा।'
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Source : News Nation Bureau