विपक्षी पार्टियों ने संसद के मानसून सत्र में एनडीए सरकार को आक्रामक ढंग से घेरने के लिए मंगलवार को एक रणनीति बनाई है। सत्र के पहले दिन ही तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), वाम मोर्चा तथा अन्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के कक्ष में बैठक की थी।
सूत्रों का कहना है कि विपक्षी पार्टियां छह मुद्दों को लेकर एक समझौते पर पहुंची हैं और उन्हें दोनों सदनों में प्रस्तावों व चर्चाओं सहित विभिन्न नोटिसों के माध्यम से उठाने का फैसला किया है।
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने संवाददाताओं से कहा कि मुद्दों में भारत-चीन के बीच सीमा पर गतिरोध, अमरनाथ यात्रियों पर आतंकवादी हमले के मद्देनजर जम्मू एवं कश्मीर के हालात और भीड़ द्वारा हत्या (मॉब लिंचिंग) के मद्देनजर कमजोर तबकों के खिलाफ अत्याचार को लेकर सरकार से सवाल किए जाएंगे।
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इसके अलावा उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन व नोटबंदी के प्रतिकूल प्रभावों के मद्देनजर जीएसटी को जल्दबाजी में लागू करना, किसानों द्वारा हालिया खुदकुशी के मद्देनजर किसानों की दुर्दशा तथा राजनीतिक विपक्षियों को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल शामिल हैं।
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विपक्षी पार्टियां प्रत्येक दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले मुलाकात करेंगी और फैसला करेंगी कि उस दिन कौन-सा मुद्दा उठाना है। सिक्किम सेक्टर में चीन के साथ गतिरोध पर विपक्षी पार्टियां राजग सरकार से बयान की मांग करने वाली है।
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HIGHLIGHTS
- मॉब लिंचिंग, कमजोर तबकों के खिलाफ अत्याचार पर विपक्ष सरकार को घेरेगा
- किसानों की खुदकुशी पर भी विपक्ष सरकार को घेरने के लिए तैयार
- 6 मुद्दों पर विपक्षी दल एकजुट, कांग्रेस, टीएमसी, बीएसपी, आरजेडी सरकार पर उठा रही है सवाल
Source : IANS