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मानसून सत्र:  संसद में बदले-बदले नजर आए अधीर रंजन, अपनी बात रखने को अध्यक्ष से यूं की गुजारिश

हालांकि बाद में लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें बोलने की अनुमति दी जहां अलग अंदाज में नजर आए. चौधरी ने आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से पर्याप्त मौके की मांग की.

Updated on: 01 Aug 2022, 06:18 PM

दिल्ली:

कई मुद्दों पर विपक्ष के विरोध के बाद संसद (parliament) के दोनों सदनों को लगातार व्यवधानों का सामना करना पड़ रहा है. सदन के पटल पर रखे जाने के दौरान विपक्षी सदस्यों द्वारा जोरदार नारेबाजी के कारण लोकसभा को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. कुछ सदस्य वेल में भी घुस गए. पहले स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (adhir ranjan chowdhury) कुछ बोलने के लिए खड़े हो गए, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें बोलने नहीं दिया. तब कांग्रेस, द्रमुक और वामपंथी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन के वेल में आ गए. हंगामे के बीच सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. हालांकि बाद में लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें बोलने की अनुमति दी जहां अलग अंदाज में नजर आए. चौधरी ने आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से पर्याप्त मौके की मांग की.

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लोकसभा में क्या कहा अधीर रंजन चौधरी

अधीर रंजन (adhir ranjan) को जब लोकसभा में बोलने का मौका दिया गया तो उन्होंने कहा, हम सभी को आम लोगों के प्रतिनिधि होने के कारण इस सदन में चर्चा करने का मौका मिलता है. आम लोगों की बात रखने के लिए हम गांव, कस्बे और शहरों से चुनकर यहां पहुंचते हैं ताकि उनकी समस्याओं का ध्यान सरकार को दिला सके. यही हमारा फर्ज बनता है. आपने सत्र के पहले दिन सर्वदलीय बैठक बुलाई थी और उसमें बताया था कि सदन की उत्पादकता कम हुई है.' इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने जब उन्हें अपने विषय पर बोलने को कहा तो अधीर रंजन ने बिरला से उन्हें थोड़ा और बोलने देने की गुजारिश की. अधीर रंजन ने कहा, -आज बोलने दीजिए सर, इतनों दिन से जमा हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी अपने मन की बात कर सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं कर सकता हूं.

आज भी विपक्षी दलों ने वेल में आकर की नारेबाजी

दोपहर 12 बजे पहले स्थगन के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस, शिवसेना, टीएमसी और अन्य के सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए फिर से वेल में आ गए. DMK, AAP, लेफ्ट, NCP और अन्य भी अपने पैरों पर खड़े थे. लगातार हंगामे के बीच सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा, आंदोलनकारी सदस्यों से सदन को चलने देने का आग्रह करने वाले बहुत महत्वपूर्ण कानूनों को लिया जाना है. उन्होंने कहा, सरकार कल महंगाई पर चर्चा के लिए तैयार है. ईडी के कथित दुरुपयोग पर गोयल ने कहा, सरकार जांच एजेंसियों के काम में हस्तक्षेप नहीं करती है और वे अपना काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने और चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया. उन्होंने मूल्य वृद्धि, गुजरात में जहरीली शराब त्रासदी और केंद्रीय एजेंसी के कथित दुरुपयोग का मुद्दा उठाया.  नारेबाजी के बीच पीठासीन अधिकारी ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली. बाद में उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.