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आरक्षण पर बोले मोहन भागवत, हंगामा होने से बेहतर सौहार्द्रपूर्ण माहौल में हो बातचीत

इसके साथ ही भागवत ने कहा, बीजेपी, आरएसएस की हर बात से सहमत हो, ये जरूरी नहीं है. उन्होंने कहा, बीजेपी सरकार में संघ कार्यकर्ता होने के नाते वो संघ को सुनेंगे लेकिन वो संघ की हर बात से सहमत हों ऐसा जरूरी नहीं

Updated on: 19 Aug 2019, 10:12 AM

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि जो भी आरक्षण के पक्ष और विपक्ष में हैं, उनके बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए. मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि जो लोग इसके पक्ष में हैं उन्हें आरक्षण को लेकर उनके हितों को सोचकर बोलना चाहिए जो इसके खिलाफ हैं और इसी तरह जो लोग इसके विरोध में हैं उन्हें उनके हितों को ध्यान में रखकर बोलना चाहिए जो इसका समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि वो पहले भी आरक्षण पर चर्चा कर चुके हैं लेकिन हर बार इतना हंगामा हो जाता है कि पूरा मुद्दा भटक जाता है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भागवत 'ज्ञान उत्सव' के समापन सत्र में बोल रहे थे. ये कार्यक्रम इग्नू में आयोजित किया गया था. इस दौरान उन्होंने कहा, आरएसएस, बीजेपी और बीजेपी के नेतृत्व में चल रही सरकार, तीनों अलग-अलग इकाइयां है और किसी को भी एक-दूसरे के काम के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

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'बीजेपी सरकार आरएसएस की हर बात से सहमत नहीं हो सकती'

इसके साथ ही भागवत ने कहा, बीजेपी, आरएसएस की हर बात से सहमत हो, ये जरूरी नहीं है. उन्होंने कहा, बीजेपी सरकार में संघ कार्यकर्ता होने के नाते वो संघ को सुनेंगे लेकिन वो संघ की हर बात से सहमत हों ऐसा जरूरी नहीं. पार्टी के सत्ता में आने के बाद राष्ट्रीय हित प्राथमिकता बन जाते हैं.