AMU में जिन्ना की तस्वीर को लेकर नहीं थम रहा बवाल, पुलिस ने भांजी लाठी-कई घायल

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्रसंघ भवन में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुए विवाद के बाद अब उसे हटा दिया गया है।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्रसंघ भवन में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुए विवाद के बाद अब उसे हटा दिया गया है।

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desh deepak
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AMU में जिन्ना की तस्वीर को लेकर नहीं थम रहा बवाल, पुलिस ने भांजी लाठी-कई घायल

एएमयू में बवाल (फाइल फोटो)

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्रसंघ भवन में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुए विवाद के बाद अब उसे हटा दिया गया है। हालांकि इसे लेकर जारी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है।

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बुधवार को जिन्ना की तस्वीर हटाने के हिंदू संगठन के लोगों नेे विश्वविद्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। 

खबरों के मुताबिक एएमयू सर्किल पर जिन्ना का पुतला फूंकने पहुंचे हिंदू संगठन के दर्जन भर कार्यकर्ताओं से यूनिवर्सिटी सुरक्षाकर्मी से झड़प हो गई, और इस दौरान उन्होंने एक गार्ड को पीट दिया।

इसके बाद शिकायत दर्ज कराए जाने को लेकर छात्रों का हुजूम थाने की तरफ चल पड़ा, जिसे रोकने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। 

सिटी एसपी अतुल श्रीवास्तव ने कहा, 'हमारे पास लाठी चार्ज के अलावा कोई चारा नहीं था। छात्र शहर की तरफ आ रहे थे। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।'

प्रदर्शन को देखते हुए अलीगढ़ के जिलाधिकारी सीबी सिंह ने कहा, 'स्थिति शांतिपूर्ण है, इलाके में 2 आरएएफ की टुकड़ियों को तैनात किया गया है। चिंता का कोई कारण नहीं है।'

वहीं तस्वीर को लेकर एएमयू प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा कि तस्वीरों पर धूल जमी हुई थी और उनकी सफाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोई तस्वीर हटाई नहीं गई है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी सेक्युलर कॉन्सेप्ट रखती है।

गौरतलब है कि सोमवार को बीजेपी के लोकसभा सांसद सतीश गौतम ने विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर पूछा था कि छात्रसंघ भवन में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर क्यों लगाई गई है?

जिन्ना की तस्वीर लगाए जाने के सवाल पर विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रोफेसर शैफी किदवई ने कहा, 'विश्वविद्यालय की बहुत पुरानी परंपरा है कि वह प्रमुख राजनीतिक, सामाजिक और शिक्षा के क्षेत्र की महान शख्सियतों को आजीवन सदस्यता देता है। जिन्ना को भी विश्वविद्यालय छात्र संघ की आजीवन सदस्यता 1938 में दी गई थी। जिन्ना विश्वविद्यालय कोर्ट के संस्थापक सदस्य थे और उन्होंने दान भी दिया था।'

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Source : News Nation Bureau

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