मोदी से केंद्रीय बकाया पर ममता के दावों की प्रामाणिकता की जांच कराने का आग्रह

मोदी से केंद्रीय बकाया पर ममता के दावों की प्रामाणिकता की जांच कराने का आग्रह

मोदी से केंद्रीय बकाया पर ममता के दावों की प्रामाणिकता की जांच कराने का आग्रह

author-image
IANS
New Update
Modi urged

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) और प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए राज्य का बकाया तत्काल जारी करने की मांग की है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में मुख्यमंत्री के दावों की सत्यता की जांच कराने का अनुरोध किया है।

Advertisment

अधिकारी ने शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजे पत्र में नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि वे अपने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के बाद ही धन जारी करने का निर्देश दें कि धन का उपयोग पारदर्शिता और प्रोटोकॉल को बनाए रखते हुए किया जाएगा और एक विशेष मद के तहत आवंटित धन अन्य मदों में खर्च नहीं किया जाएगा।

अधिकारी ने उन दो योजनाओं- मनरेगा और पीएम आवास योजना के तहत कथित व्यय अनियमितताओं को उजागर किया है, जिसके लिए ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री को केंद्रीय निधियां तत्काल जारी करने के लिए पत्र भेजा था।

विपक्ष के नेता ने पत्र में कहा कि मुख्यमंत्री ने पत्र में स्वीकार किया है कि पीएम आवास योजना के तहत 32 लाख घरों का निर्माण किया गया है, वास्तव में राज्य सरकार एक अलग नाम से योजना चला रही है - बांग्ला आवास योजना। उन्होंने अनुरोध किया कि इस आवास योजना के तहत केंद्रीय धनराशि तब तक जारी नहीं की जानी चाहिए, जब तक कि राज्य सरकार पीएम आवास योजना के नाम से योजना नहीं चलाती है।

पत्र में अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि मनरेगा योजना मध्यम और निचले स्तर के तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के लिए अवैध कमाई का स्रोत बन गई है। उनके अनुसार, पश्चिम बंगाल में मनरेगा योजना के तहत जॉब कार्ड धारकों को इस योजना से शायद ही कोई लाभ मिलता है।

प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में मनरेगा के तहत मजदूरी भुगतान चार महीने से अधिक समय से लंबित है, क्योंकि केंद्र सरकार ने लगभग 6,500 करोड़ रुपये वापस ले लिए हैं, जिसमें से 3,000 करोड़ रुपये वेतन देनदारियों के लिए और लगभग 3,500 करोड़ रुपये गैर-मजदूरी देनदारियों के लिए थे।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
Advertisment