एनडीए सरकार ने आतंकवादियों और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सुरक्षा बलों को खुली छूट दी है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 81वें स्थापना दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने यह बात शनिवार को कही. उन्होंने कहा कि सरकार सभी आंतरिक सुरक्षा समस्याओं से सख्ती से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है.
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1 के बदले 10 मारेंगे
उन्होंने कहा, आप हाल के बालाकोट हमले, पुलवामा हमले के बारे में जानते हैं. इससे पहले क्या था? वो मारने वाला था, हम मार खाने वाले थे. उन्होंने कहा कि इस तरह की खुली छूट पहले नहीं दी गई थी. रेड्डी ने कहा कि यदि अब हमारा एक जवान शहीद होता है तो हम (दुश्मन के) 10 जवानों को मारेंगे.
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अमित शाह ने भी की तारीफ
गृहमंत्री अमित शाह ने सीआरपीएफ के 81वें स्थापना दिवस पर शनिवार को बल को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि विभिन्न इलाकों में सेवाएं दे रहे देश से सबसे बड़े अद्र्धसैनिक बल की प्रतिबद्धता और समर्पण असाधारण है. शाह ने यह भी कहा कि भारत को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों की वीरता और साहस पर गर्व है.
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नक्सल समस्या से निपटने में सक्षम
दिल्ली में एक कार्यक्रम में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने चाणक्यपुरी में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर पुष्पचक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कुछ मुश्किल क्षेत्रों जैसे एलडब्ल्यूई क्षेत्रों (नक्सल प्रभावित क्षेत्र) और जम्मू कश्मीर में आतंकवाद निरोधक अभियानों में कर्तव्य निर्वहन के लिए बल की प्रशंसा की.
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1939 में अस्तित्व में आया सीआरपीएफ
सीआरपीएफ का गठन 1939 में क्राउन रिप्रेजेंटेटिव्स पुलिस के रूप में हुआ था. 28 दिसंबर, 1949 को सीआरपीएफ अधिनियम लागू होने पर इसका नाम बदलकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल कर दिया गया. यह बल 208 कार्यकारी बटालियन, छह महिला बटालियन, 15 आरएएफ बटालियन, 10 कोबरा बटालियनों समेत कुल 246 बटालियन का संगठन है.
HIGHLIGHTS
- एनडीए सरकार ने आतंकवादियों और पाकिस्तान को जवाब देने के लिए सुरक्षा बलों को दी खुली छूट.
- अब हमारा एक जवान शहीद होता है तो हम दुश्मन के 10 जवानों को मारेंगे.
- सीआरपीएफ का गठन 1939 में क्राउन रिप्रेजेंटेटिव्स पुलिस के रूप में हुआ था.